- 21 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद 30 मार्च को ही मंदिर के पट को आम श्रद्धालुओं के दर्शन बंद हो गया था
- पूजा अर्चना को लेकर मंदिर के अंदर और बाहर भी सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई का काम शुरू हो चुका
दैनिक भास्कर
Jun 07, 2020, 04:15 PM IST
गोरखपुर. गोरक्षपीठ के महंत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुख्य पूजा के बाद सुबह गोरक्षपीठ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसे लेकर मंदिर के अंदर और बाहर भी सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई का काम शुरू हो चुका है। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर 21 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद 30 मार्च को ही मंदिर के पट को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिया गया था। उसके बाद से कल यानी 8 मार्च को मंदिर के पट खुलेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोरखपुर पहुंच रहे हैं. वे रात्रि विश्राम गोरखनाथ मंदिर स्थित आवास में ही करेंगे। कल यानी 8 मार्च की सुबह गोरक्षपीठ के महंत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य मंदिर सहित सभी छोटे-बड़े मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे। उसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि कल सीएम योगी मुख्य मंदिर सहित सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिए जाएंगे।
मुख्य पूजा के बाद गौशाला का भ्रमण करेंगे योगी
गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मंदिर के कपाट खुलने के पहले साफ-सफाई चल रही है। मंदिर को सेनेटाइज करने के साथ साफ-सफाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी गोरक्षपीठ के महंत भी हैं। इसलिए उनकी मुख्य पूजा हर बड़े और छोटे मंदिर में होगी। उसके बाद वे गौशाला जाएंगे। वहां से आने के बाद मंदिर का भ्रमण कर जायजा भी लेंगे।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण मंदिर के पट को 20 मार्च को बंद कर दिया गया था।उसके लगभग ढाई माह बाद कल मंदिर के पट खुल रहे हैं।आम श्रद्धालुओं को सोलश डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना है। छह फीट की दूरी बनाने के साथ मास्क और साबुन या सेनेटाइजर से हाथ धुलना होगा।
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पूरी दुनिया परेशान है। ऐसे में देश में भी 21 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। अनलॉक-1 के पहले चरण में 8 मार्च से धार्मिक स्थलों, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लैक्स, सिनेमा और रेस्टोरेंट भी खोले जा रहे हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।