April 27, 2024 : 11:06 AM
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इंदौर के कार्तिक जोशी 1008 किमी तक दौड़ लगाकर तय समय पर पहुंचे अयोध्या

इंदौर से 5 जनवरी को अल्ट्रा मैराथन शुरू करने वाले धावक कार्तिक जोशी 14 दिनों बाद गुरुवार को अयोध्या पहुंच गए हैं। कार्तिक ने हर दिन करीब 72 किमी की दौड़ पूरी की। कार्तिक ने बताया कि अंतिम दिन दौड़ने में शरीर बेजान सा बन गया था, लेकिन अयोध्या में प्रवेश करते ही शरीर में स्वयं ऊर्जा उत्पन्न हो गई और अंतिम 15 किमी की दूरी मात्र एक घंटा 12 मिनट में पूरी की। इसी के साथ उनकी अल्ट्रा मैराथन पूरी हुई।

इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर में दर्शन के बाद कार्तिक ने अपनी दौड़ आरंभ की थी। इसके लिए कार्तिक ने 14 दिनों का समय तय किया था। अपने लक्ष्य का पीछा करते हुए कार्तिक गुरुवार शाम अयोध्या पहुंंच गए। सबसे पहले कार्तिक ने राम लला के दर्शन किए। हर नगर में लोगों ने कार्तिक का स्वागत किया और उन्हें प्रेरित किया। अल्ट्रा मैराथन में 19 साल का भाई हिंमाशु जोशी और पिता ओम जोशी कार्तिक के साथ रहे और पूरी जिम्मेदारी निभाई।

राम लला और संतों का लिया आशीर्वाद

 

कार्तिक के साथ एंबुलेंस और पैरा मेडिकल टीम थी, हालांकि इसकी जरूरत नही पड़ी। पूरे रूट पर मानो हर कोई कार्तिक के साथ दौड़ना चाहता था। मालवा प्रांत से निकलने के बाद ठंड भी बढ़ने लगी। रास्ते में ठंड, घना काेहरा, हल्की बारिश जैसी कई मुसीबतें भी आईं। सकुशल अयोध्या पहुंचने के बाद कार्तिक ने राम लला और कई संतों से अशीर्वाद लिया।

अंतिम 35 घंटे तक लगातार लगाई दौड़

 

कार्तिक ने बताया कि पूरे रास्ते लोगों में श्रीराम के प्रति काफी उत्साह दिखाई पड़ा। जगह-जगह लोगों का काफी प्यार मिला। स्वागत कार्यक्रम के चक्कर में समय ज्यादा लगा। वहीं अंतिम समय में अपना लक्ष्य तय करने के लिए अंतिम 35 घंटे तक लगातार दौड़ लगाई। इस दौरान करीब 195 किमी की दूरी पूरी की। इससे 14 दिनों के तय समय में इंदौर से अयोध्या तक की दौड़ पूरी हो सकी। पूरे रास्ते कार्तिक के साथ पिता ओम जोशी, भाई हिमांशु जोशी, अरुण चौधरी, रोशन पाटीदार, घनश्याम पाटीदार, डा. मनीष राय, राहुल समेत कुल 11 थे।

देखने को मिली दशकाें पहले की पंरपरा

 

पहले परंपरा थी कि जब कोई पड़ोस या नगर से धार्मिक यात्रा पर जाता था तो सभी लोग उसे विदाई देने आते थे। इस दौरान लोग उसे जरूरत की चीजें और धार्मिक यात्रा पर प्रसाद चढ़ाने के लिए रुपये भी देते थे। धावक कार्तिक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कार्तिक ने बताया कि दौड़ के दौरान ज्यादातर नगरों में स्वागत किया गया। इस दौरान कई लोगों ने भावभिवाेर होकर प्रभु श्रीराम मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए रुपये दिए। अयोध्या पहुंचकर सभी लोगों से मिले रुपयों को दानपात्र में डाल दिया गया।

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