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गोरखपुर12 मिनट पहले
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लखनऊ से आई IB टीम कैंट पुलिस से नकली नोटों के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
उत्तर प्रदेश का गोरखपुर इन दिनों देश भर में हो रही नकली नोटों की सप्लाई का हब बन गया है। बिहार और गोरखपुर से ही देश भर के शहरों में नकली नोटों की खेप पहुंचाई जा रही है। इसका खुलासा तो बीते दिनों कैंट पुलिस ने दो एजेंटों को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार करके ही कर दिया था, लेकिन अभी बीते 13 जुलाई को ग्वालियर पुलिस ने सिवान बिहार निवासी मोहम्मद युसूफ को भी उसके एक अन्य साथी के साथ आगरा में एक लाख रुपए से अधिक के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया।
युसूफ ने पुलिस के सामने जो खुलासे किए, वो बेहद चौकाने वाले हैं। पूछताछ में यूपी के गोरखपुर और सिवान बिहार से नकली नोटों की सप्लाई पूरे देश में होने की बात सामने आई है। इसमें बिहार निवासी राजन तिवारी नाम का सप्लायर और युसूफ गोरखपुर से पूरे देश में नकली नोट सप्लाई कर रहे हैं।
कई राज्यों में हुई गिरफ्तारियों के बाद अलर्ट
इस मामले में बीते एक हफ्ते के अंदर ग्वालियर, वारंगल तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और यूपी के आगरा से हुई नकली नोटों के सप्लायरों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों और बरामदगी के बाद कई राज्यों की पुलिस के साथ ही NIA, IB और ATS भी पूरी तरह चौकन्नी हो गई। यही वजह है कि IB सहित कई अन्य टीमों ने गोरखपुर शहर में डेरा डाल रखा है। लखनऊ से आई IB टीम यहां कैंट पुलिस से नकली नोटों के संबंध में भी जानकारी जुटा रही है। जबकि एक अन्य टीम इस नेटवर्क की कड़ी जोड़ने बिहार पहुंच चुकी है।
3 जुलाई को कैंट पुलिस ने जाली नोटों के कारोबार से जुड़े दो तस्करों को पकड़ा था।
गोरखपुर पुलिस ने किया था खुलासा
बीते 3 जुलाई को कैंट इलाके के इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी पुलिस ने जाली नोटों के कारोबार से जुड़े दो तस्करों को इंजीनियरिंग कॉलेज इलाके से पकड़ा था। इनमें से पुलिस ने पहले एक आरोपित को रानीडिहा दिव्यनगर मोड़ से पकड़ा। उसके पास से 200 रुपए के 11 जाली नोट बरामद हुए। वह फल की दुकान पर जाली नोट चला रहा था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके सिंघड़िया स्थित किराए के कमरे से उसके दूसरे साथी को भी पकड़ लिया।
उसके पास से 200 और 100 रुपए के नकली नोटों की एक- एक गड्डियां बरामद हुई थी। इनमें एक गोरखपुर जिले के बांसगांव इलाके का रहने वाला फकरूदृीन, जबकि दूसरा बिहार सिवान का रहने वाला दिलशेर था। वहीं, इन तस्करों को बिहार का रहने वाला राजन तिवारी नाम के शख्स द्वारा नोटों की सप्लाई देने की बात भी सामने आई थी।
NIA के हत्थे चढ़ा सरीफुल मंगाता था बांग्लादेश से खेप
वहीं, NIA ने सरीफुल इस्लाम (34) नाम के शख्स को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। सरीफुल पश्चिम बंगाल में जिला मालदा का रहने वाला है। NIA की जांच से पता चला है कि इस्लाम फरार आरोपी सद्दाम सेख और हकीम शेख, जो बांग्लादेश के निवासी हैं। वह अपने साथियों के साथ कर्नाटक से इस गोरखधंधे को अंजाम दिया करता था। अब NIA फरार बांग्लादेशी सप्लायरों की तलाश कर रही है। जबकि शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सरीफुल के तार भी बिहार के सिवान और गोरखपुर के तस्करों से जुड़े हैं। अब NIA ने इस कड़ी को जोड़ते हुए गोरखपुर और बिहार के सिवान तक पड़ताल शुरू कर दी है।
युसूफ ने गोरखपुर यूपी एवं सिवान बिहार से नकली नोट मिलने की बात कबूली है।
ऐसे जुड़ते गए नकली नोट नेटवर्क के तार
13 जुलाई को ग्वालियर पुलिस ने बदनापुरा निवासी रोहन बेड़िया नाम के एक व्यक्ति को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। जिससे पूछताछ में पता चला कि नोट आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम निवासी उसके दोस्त रूसी करकुल्ला ने दिए हैं। इसके बाद ग्वालियर पुलिस ने उसे लोकेट करते हुए वारंगल स्टेशन तेलंगाना पर जीआरपी की मदद से पकड़ लिया। उसके पास से 3 लाख 60 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए। खुलासा हुआ कि नोट उसके दोस्त जो कि येलमन चिली विशाखापटनम में रहता है, उसने दिलवाये थे। उसने काफी सारे नकली नोट मुंबई के मार्केट में सप्लाई कर दिए हैं और कुछ नोट उसके घर आंध्र प्रदेश रखे हैं।
आगरा में पकड़ा गया युसूफ
जबकि दूसरी टीम पुलिस रूसी करकुल्ला को लेकर आंध्र प्रदेश रवाना हुई। वहां उसके घर से 28 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए। यहां रूसी ने बताया कि यह नोट उसे उसका दोस्त विशाखापटनम निवासी प्रसाद देता था। पुलिस प्रसाद के घर पहुंची तो पता लगा कि वह हैदराबाद गया है। वहां से नागपुर फिर मुम्बई जाने का पता लगा। लास्ट लोकेशन मिली कि वह आगरा में नकली नोट की नई डील करने के लिए निकला है। उसके साथ में सिवान बिहार निवासी मोहम्मद युसूफ भी है। इसके बाद आगरा में सिकंदरा हाइवे पर प्रसाद और मोहम्मद को पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। दोनों के बैग की तलाशी ली तो एक- एक लाख रुपए के नकली नोट एक बरामद हुए। जिनमें 100, 200, 500 रुपये के नकली नोट बड़ी मात्रा में बरामद हुए।
देश भर में नकली नोटों की सप्लाई कर चुका है युसूफ
आरोपितों से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि युसूफ गोरखपुर के कैंट इलाके के रानीडिहा में किराए का कमरा लेकर रहता था। उसने गोरखपुर यूपी एवं सिवान बिहार से नकली नोट मिलने और उनको दिल्ली, मुम्बई, आगरा, ग्वालियर, आन्ध्रप्रदेश के कई शहरों में सप्लाई करने की बात कुबूली है। पकड़े गए तीनों आरोपियों रूसी करकुल्ला, प्रसाद व मोहम्मद युसूफ से पता लगा कि इंटरस्टेट रैकेट का मास्टर माइंड राजन तिवारी निवासी सिवान बिहार है। जो अभी पुलिस के हाथ नहीं आया है। वही नोट लाकर इन्हें देता था। 40 हजार रुपए में 1 लाख रुपए के नकली नोट मिलते थे।