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- Online Classes Will Be Closed On 12th July After A Symbolic Strike In Sagar, Studies Will Be Regular From 13th
सागर3 घंटे पहले
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प्रतीकात्मक फोटो।
कोरोनाकाल में ट्यूशन फीस ही वसूलने और स्कूल नहीं खोलने के सरकार के फैसले के विरोध में प्रदेशभर में प्राइवेट स्कूलों की हड़ताल की घोषणा की गई है। सरकार के फैसले के विरोध में सागर में भी प्राइवेट स्कूल सांकेतिक हड़ताल करेंगे। हड़ताल के दौरान 12 जुलाई को ऑनलाइन क्लासेस बंद रखी जाएंगी। लेकिन 13 जुलाई से रोजाना की तरह ऑनलाइन क्लासेस लगाकर विद्यार्थियों की पढ़ाई कराई जाएगी।
सोसाइटी ऑफ एजुकेशनिस्ट एण्ड वेलफेयर एसोसिएशन (सेवा संगठन) के प्रदेशाध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि शनिवार को संगठन की कोर समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया है कि 12 जुलाई को विरोध में सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। इस दौरान सिर्फ 12 जुलाई को ही ऑनलाइन क्लासेस बंद रहेंगी। 13 जुलाई से पूर्वानुसार क्लासेस लगेंगी। ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
स्कूल चला पाना हो रहा मुश्किल
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में निजी स्कूल बंद हैं। लेकिन स्कूल में शिक्षक व अन्य कर्मचारी काम कर रहे हैं। बिजली बिल आ रहा है। ऐसी स्थितियों में शिक्षकों को वेतन कैसे दें। स्कूल चला पाना मुश्किल हो रहा है। सरकार को निजी स्कूलों के लिए आर्थिक पैकेज देना चाहिए। ताकि स्कूलों के संचालन में दिक्कतें न आएं।
निजी स्कूल संचालकों की ये हैं मांगें
-कोरोना की तीसरी लहर की सिर्फ संभावना के आधार पर स्कूल बंद करने का निर्णय तत्काल वापस लें।
-निजी स्कूलों को आर्थिक पैकेज, बिजली के अनुसार बिल लेने व पुराने बिल को समायोजित किया जाए। संपत्ति कर, स्कूल वाहनों का रोड टैक्स, परमिट आदि में राहत प्रदान की जाए। वहीं आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों के एवज में बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
-केंद्र सरकार के जारी एसओपी के अनुसार 9 से 12वीं के स्कूल को तुंरत खोल जाए।
-अभिभावक नियमित फीस न दे तो विलंब शुल्क देने के लिए बाध्य किया जाए।
-मप्र शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया था कि बिना टीसी कोई विद्यालय प्रवेश न दें, पर कई विद्यालय ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन पर कार्रवाई की जाए।
-शिक्षण शुल्क न देने वाले बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट न किया जाए।
सरकार निजी स्कूल संचालकों के साथ मिलकर बैठक करें और निजी स्कूलों के बारे में कोई भी निर्णय में एसोसिएशन को भी शामिल करे।
-माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्धता प्राप्त स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण 5 वर्ष के लिए कर दिया जाए।