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- Politics Continues On The Release Of Dr. Kafeel Khan; SP Said The Government Slapped The Agreement, Priyanka Gandhi Expressed Her Hope Of Release Soon
लखनऊएक घंटा पहले
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील की रिहाई का आदेश दिया है। इस बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महाससचिव ने इसका स्वागत किया है। वहीं सपा ने कहा है कि अदालत का आदेश सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान को रिहा करने का आदेश दिया है
- अदालत के आदेश के बाद यूपी में कांग्रेस और सपा ने सरकार तीखा हमला किया है
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफील खान को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार पर विपक्षियों ने हमला बोला है। समाजवादी पार्टी ने अदालत के फैसले को जहां ‘दमनकारी’ सत्ता के मुंह पर करारा तमाचा करार दिया है। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्दी ही डॉ. कफील खान को रिहा करेगी।
कांग्रेस लंबे समय से डॉ. कफील की रिहाई को लेकर यूपी सरकार से मांग कर रही थी। प्रियंका ने टि्वट करते हुए कहा है कि अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार बिना किसी विद्धेष के डॉ कफील खान को रिहा करेगी।प्रियंका ने डॉ. कफील की रिहाई के प्रयासों में लगे तमाम न्याय पसंद लोगों और यूपी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मुबारकबाद भी दिया।
आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने #drkafeelkhan के ऊपर से रासुका हटाकर उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया।
आशा है कि यूपी सरकार डॉ कफील खान को बिना किसी विद्वेष के अविलंब रिहा करेगी।
डॉ कफील खान की रिहाई के प्रयासों में लगे तमाम न्याय पसंद लोगों व उप्र कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मुबारकबाद
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 1, 2020
समाजवादी पार्टी ने कहा- यह सरकार दमनकारी नीतियों पर अदालत का तमाचा
समाजवादी पार्टी ने हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. कफील की रिहाई का आदेश दमनकारी और अत्याचारी सत्ता के मुंह पर करारा तमाचा है। दंभी भूल जाते हैं कि न्यायालय इंसाफ के लिए खुले हैं। राजनीतिक लाभ और नफरत की राजनीति के तहत कार्रवाई करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ माफी मांगें। एसपी के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. कफील के ऊपर से रासुका हटाकर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। आशा है कि यूपी सरकार उन्हें बिना किसी द्वेष के अविलंब रिहा करेगी।’
कफील के भाषण को सरकार ने माना था भड़काऊ
सरकार ने सीएए के विरोध में डॉ. कफील के भाषण को भड़काऊ माना था। अदालत ने कहा कि डॉ. कफील का भाषण हिंसा या नफरत बढ़ाने वाला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अखंडता और नागरिकों के बीच एकता बढ़ाने वाला था। डॉ. कफील ने रासुका (NSA) के तहत हिरासत में लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि डॉ. कफील की हाई कोर्ट में पेंडिंग याचिका पर 15 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी की जाए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी। वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं। इस मुकदमे में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी चल रही थी। लेकिन उनके खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा लिखा गया था।
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