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पत्रकार की एम्स ट्रॉमा सेंटर के चौथी मंजिल से संदिग्ध हालात में गिरने से मौत

दैनिक भास्कर

Jul 07, 2020, 04:00 AM IST

नई दिल्ली. एम्स ट्रॉमा सेंटर में कोरोना वार्ड की चौथी मंजिल से संदिग्ध हालत में गिरने से दैनिक भास्कर के पत्रकार तरुण सिसौदिया (37) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। सोमवार हुई इस घटना के बाद गंभीर रुप से घायल पत्रकार को अचेत हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आईसीयू में चले इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोरोना संक्रमित होने के बाद 24जून से वह एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती थे, 17 जून से तरुण में कोविड के लक्ष्ण दिखने लगे थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना ने कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की निगरानी को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर तमाम सवाल खड़े कर दिए। 

मसलन, घटना के समय इस वार्ड के सिक्यूरिटी गार्ड कहां थे। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस सबके बीच तरुण सिसौदिया के बड़े भाई दीपक सिसोदिया का कहना है कि मेरा भाई इतना कमजोर नहीं था कि खुदकुशी कर ले, कई दिनों से उसका ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा था जिससे वह परेशान था। उसके मौत का जिम्मेदार है अस्पताल।  

कोरोना संक्रमित तरूण की मौत पर उठे सवाल 

  • तरुण को कोरोना वॉर्ड से ICU में क्यों शिफ्ट किया गया ?
  • फैमिली से पूरी तरह संपर्क क्यों खत्म किया गया, जबकि संपर्क में रहने से उन्हें मानसिक रूप से राहत मिलती?
  • किन परिस्थितियों में तरुण ने अपने साथियों के एक ग्रुप में लिखा कि मेरा मर्डर हो सकता है?
  • डायग्नोसिस में अगर न्यूरो और साइको कंडीशन थे तो ऐसे मरीज को कड़ी निगरानी में क्यों नहीं रखा गया?
  • आईसीयू से कैसे कोविड मरीज निकल गया और चौथी मंजिल से छलांग लगा दी?
  • अपनी रिपोर्ट में एम्स कह रहा है कि उसके पीछे सुरक्षा कर्मी दौड़े, क्या एम्स, आईसीयू से लेकर बाहर तक का सीसीटीवी फुटेज शेयर करेगा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बनाई कमेटी,  दिए जांच के आदेश, 48 घंटे में मांगी रिपोर्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने पत्रकार तरुण सिसोदिया की मौत पर कहा कि मेरे पास अपना दुख व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है। ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। उनके पूरे परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स निदेशक को तुरंत आधिकारिक जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही एक उच्च-स्तरीय कमेटी गठित कर 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस जांच समिति में चीफ ऑफ न्यूरोसाइंस सेंटर से प्रोफेसर पद्मा, मनोचिकित्सा विभाग के हेड आरके चड्ढा, डिप्टी डायरेक्टर (एडमिन) डॉक्टर पांडा और डॉ यू सिंह शामिल हैं।

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