- पुलिस सूत्रों के अनुसार, भागने के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर सकता है विकास दुबे
- एसीपी ने कहा- गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और पूरी जानकारी निकाली जा रही है
दैनिक भास्कर
Jul 04, 2020, 07:06 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे 40 घंटे बाद भी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस टीमें जगह-जगह तलाश कर रही हैं। विकास की तलाश में पुलिस हर उस ठिकाने तक पहुंच रही है, जहां वह कभी जाता-आता रहा है। शनिवार को पुलिस जब लखनऊ में विकास दुबे के छोटे भाई दीप प्रकाश दुबे के घर पहुंची तो यहां उसे दो एंबेसडर कार और एक बुलेट खड़ी मिलीं। दोनों एंबेसडर कार का रजिस्ट्रेशन विकास के नाम नहीं हैं। एक पर प्रमुख सचिव लिखा है। विकास के बिकरु गांव में स्थित घर में भी एक फॉर्च्युनर और स्कॉर्पियो खड़ी मिली थी। इसे प्रशासन ने घर समेत तोड़ दिया है।
सरकारी नंबर की गाड़ियों का इस्तेमाल करता था
पुलिस की मानें तो विकास दुबे खुद बिना रजिस्ट्रेशन की इन कारों का इस्तेमाल कर रहा था। दोनों कारों को नीलामी में खरीदे हुए 1 महीने से ज्यादा हो चुका है, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया। आमतौर पर किसी भी वाहन को खरीदने के एक महीने बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
रसूख कायम करने के लिए नीलामी में गाड़ियां खरीदता था
घर से मिलीं गाड़ियों पर सरकारी नंबर हैं। इन्हें विकास दुबे ने अपना रसूख कायम रखने के लिए नीलामी में खरीदा था। ऐसी जानकारी मिली है कि थोड़े समय पहले तक वो इन्हीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया करता था। ऐसे में पुलिस को ये आशंका और बढ़ गई है कि कहीं विकास दुबे ने भागने के लिए सरकारी गाड़ी के नंबर का इस्तेमाल तो नहीं किया है। पुलिस इस बात को लेकर और अलर्ट हो गई है। विकास बॉर्डर इलाके से भागने में सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर सकता है।
एसीपी कृष्णा नगर दीपक सिंह ने बताया कि यह गाड़ियां विकास के भाई के घर पर खड़ी थीं। यह गाड़ी कैसे आईं, किसकी हैं- यह अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। सरकारी नम्बर की गाड़ियां हैं। इसकी जानकारी की जा रही है। इस गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में लिया है। गाड़ी की डिटेल मांगी जा रही। विकास के भाई की तलाश की जा रही है। इसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा यह गाड़ी यहां कैसे आईं और किसने खड़ी की हैं।