- 12 अगस्त 2018 से यहां ऐसा दृश्य राेज दिखाई देता है। राष्ट्रगान में बच्चे, बुजुर्ग और जवान सभी शामिल होते हैं
दैनिक भास्कर
Jul 06, 2020, 05:39 AM IST
ग्वालियर. स्थान: शहर का हृदय स्थल महाराज बाड़ा। समय: सुबह 8.30 बजे। अलग ही दृश्य है। लाउड स्पीकर से राष्ट्रगान जन गण मन का प्रसारण शुरू हाेते है, जाे जहां वहीं रुक जाता है। 12 अगस्त 2018 से यहां ऐसा दृश्य राेज दिखाई देता है। राष्ट्रगान में बच्चे, बुजुर्ग और जवान सभी शामिल होते हैं। काेराेना महामारी के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के दाैरान इसे स्थगित किया गया था, लेकिन बाजार अनलॉक होते ही फिर से राष्ट्रगान का प्रसारण शुरू हो गया। कोरोना संक्रमण का असर भी इस राष्ट्रगान पर नहीं पड़ा है।
ऐसे हुई शुरुआत
भारत विकास परिषद के मध्य भारत (उत्तर) प्रांत चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष अरविंद दूदावत बताते हैं कि उन्होंने आंध्र प्रदेश में एक स्थान पर सार्वजनिक रूप से राष्ट्रगान का प्रसारण और नागरिकों को इसमें शामिल होते हुए एक वीडियो क्लिप के माध्यम से देखा था। इसके बाद अपने शहर में ऐसा कार्यक्रम शुरू करने का मन में विचार आया। साथियों से बात हुई तो योजना बन गई और 12 अगस्त 2018 को सार्वजनिक राष्ट्रगान शुरू हो गया। तब से यह अनवरत जारी है।
52 सेकंड तक सम्मान में थम जाता है हर कदम
महाराज बाड़ा पर सार्वजनिक राष्ट्रगान कार्यक्रम का तय समय है उससे एक भी मिनट इधर-उधर नहीं होता है। ठीक 8.15 बजे लोग इकट्ठे होते हैं, व्यवस्थित होते हैं। 8.30 बजे राष्ट्रगान शुरू कर दिया जाता है। अभी राष्ट्रगान से पहले और बाद में लोगों को बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण से वह कैसे बचें, मास्क लगाएं तथा सेनिटाइजर का उपयोग करें। कार्यक्रम में शामिल होने वालों को सेनिटाइज भी किया जाता है।
प्रदेश का पहला कार्यक्रम
सार्वजनिक स्थल पर अनवरत राष्ट्रगान का प्रदेश का यह पहला कार्यक्रम है। लॉकडाउन अवधि में हमने कार्यक्रम स्थगित किया था। इसके अलावा कभी ऐसा नहीं हुआ कि राष्ट्रगान न हो।
-अरविंद दूदावत, अध्यक्ष, भारत विकास परिषद, मध्य भारत प्रांत चैरिटेबल ट्रस्ट