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भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की दूसरी बैठक जारी, दिल्ली में आर्मी चीफ ने टॉप कमांडर्स से हालात की जानकारी ली

  • 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, चीनी सैनिकों कंटीले तार लगे डंडों से हमला बोला
  • भारत के 20 जवान शहीद हुए, चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए, पर उसने अभी तक इसकी संख्या नहीं बताई

दैनिक भास्कर

Jun 22, 2020, 05:20 PM IST

नई दिल्ली. गलवान में हिंसक झड़प के बाद हाईलेवल मीटिंगों का दौर जारी है। दिल्ली में आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे सेना के टॉप कमांडर्स के साथ बैठक कर रहे हैं। जनरल नरवणे ने कमांडर्स से सुरक्षा के हालात की जानकारी मांगी है। बैठक कल भी जारी रहेगी। 
उधर, मॉल्डो में सोमवार को भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत चल रही है। यह बैठक सुबह करीब 11.30 बजे से जारी है। दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की वार्ता का यह दूसरा दौर है।
गलवान में हुई झड़प में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए। हालांकि, उसने अभी तक किसी सैनिक के मारे जाने की बात नहीं कही है।

झड़प के पहले 3 मीटिंग हुईं
पहली
 : 6 जून
कहां हुई थी: चुशूल सेक्टर में चीन की सीमा में नियंत्रण रेखा से 20 किमी दूर स्थित मोल्दो में हुई।
किस स्तर की बातचीत थी: लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की।
उसमें क्या चर्चा हुई: शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाकर रिश्ते आगे बढ़ाए जाएं।

दूसरी : 10 जून
कहां हुई: पूर्वी लद्दाख के पास भारतीय सीमा के अंदर।
किस स्तर की बातचीत हुई: मेजर जनरल स्तर की।
क्या चर्चा हुई: सीमा विवाद कैसे सुलझाया जाए और सैनिकों की संख्या कैसे कम की जाए।

तीसरी: 12 जून
कहां हुई: लोकेशन पता नहीं चल पाई।
किस स्तर की बातचीत हुई: मेजर जनरल स्तर की।
क्या चर्चा हुई: गालवान इलाके में 3 जगहों पर विवाद कैसे सुलझाया जाए।

15 जून के बाद भी चर्चाओं का दौर चला

भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच 3 बार मेजर जनरल स्तर बातचीत हुई। इसमें किस मुद्दे पर बात हुई, इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई। 

झड़प के बाद चीन का 5 बार दावा- गलवान घाटी हमारी

  • 19 जून को देर रात कहा- गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएससी) से हमारी तरफ है। भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड-ब्रिज बना रहे हैं।
  • 19 जून को ही कहा- सही क्या है और गलत क्या, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है।
  • 18 जून को कहा था- भारत के फ्रंटलाइन सैनिकों ने समझौता तोड़ा। एलएसी पार कर उकसाया और अफसरों-सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद ही झड़प हुई और जानें गई।
  • 17 जून को कहा- गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा।
  • 16 जून को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।

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