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‘गुलाबो सिताबो’ में अमिताभ की बेगम बनीं फारुख जफर को आज भी याद आती है रेखा की उमराव जान, कहा- उनके साथ बिताए पल हमेशा याद करती हूं

  • फारुख जफर ने कहा- मैं अमिताभ बच्चन से बात करना चाहती थी, लेकिन ऐसा हो न सका, वे आते थे और अपना रोल प्ले करके चले जाते थे
  • उन्होंने कहा- मेरे जेहन में ‘सिलसिला’ वाले अमिताभ भरे हुए थे, लेकिन जब इस फिल्म में उनके बनावटी रूप को देखा तो बहुत घिन आई
आदित्य तिवारी

आदित्य तिवारी

Jun 16, 2020, 07:55 AM IST

लखनऊ. ‘गुलाबो सिताबो’ में अमिताभ बच्चन की बेगम का रोल अदा करने वालीं फारुख जफर अब 87 वर्ष की हो चुकी हैं। उन्होंने दैनिक भास्कार से बातचीत में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का मेरा वो डायलॉग मुझे बेहद पसंद आया था, जिसमें मैंने अमिताभ बच्चन से कहा था, ‘पैसे ले लीजिए और फिर मुझे अपनी शक्ल न दिखाइएगा।’

यह बात कहती हुई फारुख बहुत तेज खिलखिलाकर हंस पड़ीं। हालांकि, उन्होंने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि वह फिल्म के दौरान अमिताभ से बातचीत करना चाहती थीं, लेकिन काम में व्यस्त होने की वजह से बिग बी ने कभी उनसे बात नहीं की। उन्होंने बताया कि उमराव जान में रेखा के साथ काम करना उनके जीवन का यादगार लम्हा रहा और वो उसे आज भी बड़ी शिद्दत से याद करती हैं। फारुख जफर से बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल: आपको ‘गुलाबो सिताबो’ में अमिताभ बच्चन की बेगम का रोल करने का मौका मिला, आप पिछले सभी किरदारों और इसमें क्या खास देखती हैं?

जवाब: मैं बहुत पसंद करती थी अमिताभ बच्चन को। मुझे जब यह किरदार करने का मौका मिला, तब सिलसिला मूवी वाला अमिताभ मेरे जेहन में भरा हुआ था। लेकिन जब मैंने अमिताभ को देखा तो मुझे एक गन्दा सा चेहरा, मोटी सी नाक जो कृत्रिम तरीके से बना हुई थी देखकर बहुत घिन आई थी। 

सवाल: आपकी उम्र अमिताभ से ज्यादा है। ज्यादातर फिल्मों में आपको एक स्पेशल रोल करने को मिला, उम्र की वजह से असहज तो नहीं महसूस कर रहीं थीं आप? 

जवाब: ऐसा बिल्कुल नहीं था। जो मुझे बोलने को दिया गया, वो मैंने बोल दिया। उम्र की वजह से कोई दिक्कत नहीं हुई। 

एक कार्यक्रम के दौरान फारुख जफर। फाइल फोटो
एक कार्यक्रम के दौरान फारुख जफर। फाइल फोटो

सवाल: फिल्म में रोल करने और डायलॉग डिलीवरी को लेकर क्या तैयारियां करनी पड़ीं। दिक्कत और समय को कैसे मैनेज किया आपने?

जवाब: नहीं, कोई तैयारी नहीं की। मुझे फिल्म के डायरेक्टर द्वारा बताया गया कि आपको फिल्म में अमिताभ बच्चन की बेगम का रोल करना है। अमिताभ ‘मिर्ज़ा’ के किरदार में हैं, जो एक लालची व नकचढ़े इंसान का रोल कर रहे हैं। आपको ये डायलॉग बोलना है। मैंने बोल दिया। डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि जैसे आप अभी हैं, वैसे ही आपको रहना है। कोई भी बदलाव नहीं करना हैं। बिल्कुल नेचुरल तरीके से सभी डायलॉग आपको बोलना है। मैंने सभी डायलॉग वैसे ही बोल दिए। 

सवाल: फिल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन या आयुष्मान खुराना के साथ हुआ कोई ऐसा किस्सा जो आप बताना चाहें?

जवाब: मूवी के दौरान कभी भी अलग से अमिताभ बच्चन से मुलाक़ात नहीं हुई, न ही आयुष्मान खुराना से। न ही कोई भी किस्सा हो पाया। मुझसे जो बोलने को कहा गया वो मैंने बोल दिया। मैं तो चाहती थी कि मेरी मुलाकात हो और मैं उनसे बात करूं, लेकिन ऐसा न हो पाया। अमिताभ अपना रोल करते थे और चले जाते थे। कोई भी बात न कर पाई। न ही कोई किस्सा ऐसा मुझे याद ही है।  

सवाल: आपको किसके साथ काम करने में ज्यादा मजा आया। आपने शाहरुख, सलमान, आमिर खान जैसे मशहूर अभिनेताओं के साथ काम किया है। अब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ भी काम कर चुकी हैं?

जवाब: मुझे आमिर खान के साथ काम करने में अच्छा लगा था। ‘पीपली लाइव’ में जो शोहरत मिली वो आमिर की वजह से मिली। वैसे मुझे ‘उमराव जान’ में काम करने के दौरान रेखा का साथ बहुत पसंद आया, जो अक्सर याद करती हूं। मैंने उमराव जान में कई डायलॉग बदल दिए थे। मुझे सबसे ज्यादा रेखा के साथ काम करके अच्छा लगा। 

सवाल: आप फिल्म और ड्रामे में कैसे आईं। ऐसा क्या हुआ था जो आप फिल्मों में काम कर रही हैं?

जवाब: ड्रामा के सिलसिले में अचानक ही मुझे आना हुआ। दिल्ली में मेरे दोस्त के यहां खाना था। मेरी आदत गांव की बोली बोलने की थी। हमारे यहां एक बोली रही है- का राजू हर दम रेडियो की तरह कहे चकराया करत हो, कौनव और काम नहीं हैं क्या। मेरी आदत थी नौकर की नकल करने की। इस दौरान दिल्ली के पार्टी में एसएस ठाकुर ने मुझे देखा और मेरे बोली को सुनकर मुझे थिएटर में काम करने का मौका दिया। 

सवाल: आपने ऑल इंडिया रेडियो क्यों छोड़ दिया। ऐसा क्या हो गया था?

जवाब: मेरी मां घर पर अकेली थी इसलिए मैंने रेडियो की जॉब छोड़ दी। मैं अपने मां के पास लखनऊ आ गई। करीब पांच साल मैंने रेडियो में काम किया था। लेकिन उस दौरान मुझे मां की समस्या देखी नहीं जा रही थी। इसलिए ऑल इंडिया रेडियो की नौकरी छोड़नी पड़ी थी। 

कौन हैं ‘गुलाबो सिताबो’ की बेगम फारुख जफर? 
फारुख जफर ने 1981 में फिल्म उमराव जान से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने रेखा की मां का रोल प्ले किया था। फारुख जफर बॉलीवुड इंडस्ट्री में आने से पहले बतौर रेडियो अनाउंसर काम करती थीं। 1963 में उन्होंने लखनऊ के विविध भारती रेडियो स्टेशन में बतौर अनाउंसर काम करना शुरू किया।

फारुख ने 23 साल बाद साल 2004 में फिल्म ‘स्वदेश’ से बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक बार फिर वापसी की। इसके अलावा ‘पीपली लाइव’, ‘पार्च्ड’, ‘सुल्तान’ और ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ जैसी फिल्मों में भी काम किया। फारुख के पति स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार थे। उनकी दो बेटियां मेहरू और शाहीन हैं। मेहरू जफर एक लेखिका हैं।

फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी के साथ फारुख जफर।
फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी के साथ फारुख जफर।

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