- अमावस्या पर्व पर दाढ़ी, नाखून और बाल नहीं कटवाएं, किसी भी तरह का नशा न करें
दैनिक भास्कर
May 21, 2020, 07:22 PM IST
हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्रवार, 22 मई को ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि है। पद्म पुराण के अनुसार इस पर्व पर तीर्थों ओर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इसके साथ ही पूरे दिन व्रत और श्रद्धा अनुसार दान करना चाहिए। काशी के पं. गणेश मिश्रा के अनुसार अमावस्या पर भगवान विष्णु और पितरों को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा के साथ ही तर्पण और श्राद्ध भी किए जाते हैं। इस दिन जल और गौदान करने का बहुत महत्व है। वहीं पूरे दिन नियम और संयम के साथ रहना चाहिए। इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
अमावस्या पर्व पर क्या-क्या करें
- सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और तीर्थ स्नान करना चाहिए। महामारी के कारण घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाएं।
- पानी में काले तिल डालकर नहाना चाहिए।
- सूर्य और पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए।
- सुबह जल्दी पीपल की पूजा के बाद कम से कम 7 परिक्रमा करें।
- ब्राह्मण को भोजन करवाएं या किसी मंदिर में अन्न और जल से भरे बर्तन का दान करें।
किन कामों को करने से बचना चाहिए
- अमावस्या पर्व पर सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए।
- इस दिन तेल मालिश नहीं करनी चाहिए।
- दाढ़ी, नाखून और बाल भी नहीं कटवाने चाहिए।
- किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए।
- तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए।
- किसी का झूठा भोजन नहीं करना चाहिए न ही किसी को अपना झूठा खिलाएं।
- सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए।
- पति-पत्नी को आपस में दूरी बनाकर रहना चाहिए।
- दोपहर में और सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाहिए।