मुश्किल परिस्थितयों में जूझने का जज्बा महिलाओं में कतई कम नहीं, इसे साबित करने वाली महिलाओं में गीता समोता का नाम भी जुड़ गया है। राजस्थान की गीता ने हाल ही में दुनियाभर में बेहद दुरूह मानी जाने वाली अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर इतिहास रचा। उन्होंने इस पर्वत पर सबसे तेजी से चढ़ने वाली पहली भारतीय होने का गौरव भी हासिल किया।
राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव में पैदा हुई गीता का बचपन आम लड़कियों की तरह ही बीता। पिछले इलाके की विषम परिस्थितयों के बावजूद परिवार ने उन्हें पढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर दिया तो गीता ने भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मन में दृढ़ इच्छाशक्ति पाले गीता 2011 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में भर्ती हो गईं। अगले ही साल 2012 में जब उन्होंने यूनिट के साथ काम करना शुरू किया, तो उन्हें सुरक्षा बलों के सैन्य अभियानों के बारे में पता चला।
मुश्किल अभियानों को चुना
आमतौर पर ऐसे अभियानों में पुरुष ज्यादा सक्रिय होते थे लेकिन गीता ने इस मिथक को खत्म करने की ठानी। वह अब तक माउंट सतोपंथ और नेपाल की माउंट लोबुचे पर भी चढ़ाई कर चुकी हैं। पिछले महीने सितंबर की शुरुआत में गीता समोता ने रूस में माउंट एल्ब्रस को फतह किया, जो यूरोप की सबसे ऊंची चोटी है। इसके कुछ ही दिन बाद तंजानिया में किलिमंजारो चोटी को लक्ष्य बनाया। 11 सितंबर को यह मुश्किल अभियान पूरा कर वह अफ्रीका और रूस में स्थित दो चोटियों को फतह करने वाली सबसे तेज भारतीय बन गईं। किलिमंजारो को दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त पर्वत माना जाता है।
खुद पर विश्वास करें
कीर्तिमान कायम करने वाली गीता समोता का मानना है कि महिलाएं हर कठिन काम करने में सक्षम हैं। अपने आप पर विश्वास करें और दुनिया को अपनी उपलब्धियां देखने दें।
जीवन परिचय:
नाम : गीता समोता
जन्म स्थान : चक गांव, सीकर, राजस्थान
मौजूदा शहर : मुंबई
पेशा : सीआईएसएफ में सब इंस्पेक्टर
उपलब्धि : किलिमंजारो, माउंट एल्ब्रस, माउंट सतोपंथ और माउंट लोबुचे फतह