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- I Will Fulfill My Dream By Scoring Any Goal, Scored The Goal In The 58th Minute Of The Match, Took Blessings From My Mother Before Going To The Match Ground
इटारसी2 घंटे पहलेलेखक: धर्मेंद्र दीवान
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टोक्यो ओलिंपिक में मैदान पर जैसे ही मध्यप्रदेश के बेटे विवेक सागर ने गोल दागा, इंडिया में खुशियां छा गईं। इटारसी के रहने वाले विवेक ने दो दिन पहले अपने भाई विद्यासागर से वादा भी किया था। उसने कहा था कि तीन बार से गोल करने का मौका नहीं मिल पाया, लेकिन अगले मैच में वह गोल जरूर करेगा। इसके बाद भाई ने भी प्रोत्साहित किया। उसने यह करके भी दिखाया। गौरव भरे क्षण केा देख माता-पिता की आंखों में भी आंसू छलक पड़े।
गुरुवार को विवेक सागर के गोल के बाद भारतीय हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई। इससे नर्मदाचंल गौरवान्वित महसूस कर रहा है। विवेक सागर के माता-पिता, भाई व हॉकी के उनके गुरुजनों को बधाइयां मिल रही हैं। विवेक की मां कमलादेवी ने कहा- आज विवेक का सपना पूरा हो गया। 29 जुलाई के मैच विवेक ने पहला गोल कर भारतीय टीम के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की राह आसान बनाई।
ओलिंपिक में मैच के दौरान फील्ड में विरोधी टीम से विवेक ने बॉल छीनकर गोल की ओर ले जाने का प्रयास किया।
मैच खेलने जाने से पहले मां से लेता है आशीर्वाद
मां कमलादेवी प्रसाद ने बताया कि विवेक से एक-दो दिन में एक बार वीडियो कॉलिंग से बातचीत होती है। जिस दिन मैच होता है, मैदान पर जाने से पहले वो मुझसे वीडियो कॉल कर आशीर्वाद लेता है। गुरुवार सुबह करीब 4 बजे भी उसका कॉल आया। कहा- मां आप आशीर्वाद दीजिए… अपनी टीम, अपने देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करूं। भाई विद्यासागर ने बताया, सुबह 6 बजे मैच शुरू हुआ। कमरे में टीवी चालू की। पापा रोहित प्रसाद कुर्सी पर बैठे थे। मैं, मम्मी, बहन पूजा व कुछ हाॅकी खिलाड़ी मैच देखने लगे। पहला गोल वरुण कुमार ने किया। अर्जेंटीना की ओर से भी एक गोल हुआ। बराबर स्कोर पर मैच चल रहा था। बहन पूजा और चाय बनाने चली गई। हम सभी टकटकी लगाकर देख रहे थे। इतने में विवेक ने गोल कर दिया। जिसके बाद हम सभी ने खुशी से खड़े हो गए। हंसते-हंसते मम्मी-पापा की आंखों से आंसू निकल आए। बोले- आज बेटे का सपना पूरा हुआ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विवेक को बधाई दी है।