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शृद्धालुओ में आक्राेश भाई दौज पर लख्खी मेला भी लगना मुश्किल

सेंवढ़ा3 घंटे पहले

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  • प्रशासन ने अपनी नाकामी छिपाने इस बार मेले की आने वालों की सुरक्षा नहीं बल्कि भीड़ को रोकने लगाई ड्यूटी

रतनगढ़ माता मंदिर पर हर साल नवरात्र और दीपावली भाईदोज पर लगने वाले लख्खी मेला की तैयारियां दो महीने पहले शुरू हो जाती थीं। लेकिन इस बार प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा और जब नवरात्र नजदीक आ गईं तो सीधे-सीधे मंदिर ही बंद रखने का आदेश जारी कर दिया। हर साल रतनगढ़ मंदिर के लख्खी मेले में दतिया जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा चंबल संभाग व प्रदेश के अन्य जिलों से हजारों कर्मचारियों की शासन से डिमांड कर मेला में श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु ड्यूटी लगाई जाती थी लेकिन इस बार प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को बीच रास्ते में रोकने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रहा है।

आचार संहिता की आड़ में जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के साथ तानाशाह रवैया अपना रहा है। इस संबंध में सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है तो वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया ने कहा कि वे कलेक्टर से इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रामकुमार गुप्ता ने एक बार फिर मंदिर नहीं खुलने पर अनशन प्रारंभ करने की चेतावनी दोहराई है। मंदिर क्षेत्र के दुकानदार शनिवार से धरना प्रारंभ करने की घोषणा कर चुके है।

रतनगढ़ माता मंदिर बंद करने के प्रशासन के निर्णय का चौतरफा विरोध हो रहा है। मेले को लेकर प्रशासन एक माह पूर्व से ही व्यवस्थाएं लगाता है पर प्रशासन ने इस बार कोई तैयारी ही नहीं की। पेयजल सप्लाई की जांच कर दुरुस्त करना, टेंट, लाइट डेकोरेशन का नवीन ठेका जारी कर उसको जिम्मेदारी देना, विभिन्न मार्ग को दुरुस्त करना तथा सफाई आदि का प्रबंध करना जैसे कार्य एक माह पूर्व से ही प्रारंभ हो जाते हैं। पर इस बार प्रशासन ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। जब नवरात्र और दीपावली पर्व नजदीक आ गया तो ऐसे में प्रशासन ने अपनी नाकामी छिपाने एक कागज पर चमत्कारिक शक्ति पीठ रतनगढ़ मंदिर बंद करने का फैसला सुना दिया। इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को काफी ठेस पहुंची।

जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है प्रशासन
देश भर में नवरात्र के दौरान देवी मंदिर खुले हैं। तो फिर रतनगढ़ माता मंदिर को क्यों बंद किया जा रहा है यह बड़ा सवाल है। मेले ख्याल से प्रशासन इसके जरिए अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहता है। रतनगढ़ माता मंदिर देश भर में आस्था का केंद्र है। हम प्रशासन के इस निर्णय का हर स्तर पर विरोध करते हैं। इसकी लिखित शिकायत की जाएगी।
घनश्याम सिंह, विधायक सेंवढ़ा

कलेक्टर को बताया है
मेरे जैसे हजारों लोग हैं जो कि हर सप्ताह माता के दरबार में जाते हैं। जब चैत्र नवरात्र में मंदिर के पट बंद हुए तो देश भर में कोरोना का संकट था अब काफी संख्या में लोग ठीक हुए हैं। संक्रमण का स्तर भी गिरा है। ऐसे में मंदिर बंद करना प्रशासन का स्वयं का निर्णय है। आचार संहिता के कारण मेरी और सरकार की सीमाएं हैं। फिर भी मेरे द्वारा कलेक्टर को इस संबंध में बताया गया है कि जल्द से जल्द मंदिर खोला जाए।
सुरेद्र बिधौलिया, जिला अध्यक्ष भाजपा

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