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- MP Board 12th Result 2021 DECLARED; Topper Students On Re Examination
भोपालएक घंटा पहलेलेखक: अनूप दुबे
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MP बोर्ड के 12वीं के परीक्षा परिणाम गुरुवार दोपहर 12 बजे जारी कर दिए, लेकिन इस बार 80 से लेकर 90% से ज्यादा अंक पाने वाले टॉपर्स खुश नहीं हैं। पास होने से लेकर टॉप करने वाले छात्रों का कहना है कि वे और बेहतर कर सकते थे, लेकिन दोबारा परीक्षा देने का सवाल ही नहीं उठता। अब आगे की क्लास और विकल्प की तैयारी करें या फिर से 12वीं की पढ़ाई शुरू कर दें। बारहवीं की पढ़ाई की लय टूट चुकी है। क्लास हुई नहीं, ऐसे में दोबारा परीक्षा देने से रिजल्ट सुधरने की जगह बिगड़ जाएगा।
जानिए इस बारे में छात्र-छात्राओं का क्या कहना है –
इंदौर के पंकज कोष्ठी को 98.2% मिला, बोले- जिन्होंने मेहनत की उन्हें टैलेंट दिखाने का मौका नहीं मिला
इंदौर के सुदामा नगर के रहने वाले पंकज कोष्ठी ने कहा, 12वीं में मुझे 98.2 फीसदी नंबर मिले हैं। मैं इससे संतुष्ट तो हूं, लेकिन थोड़ा असंतोष भी है। जिन्होंने 12वीं में अच्छे नंबर लाने के लिए जमकर मेहनत की, उन्हें उनका टैलेंट दिखाने का मौका नहीं मिला। उनके मन में कहीं न कहीं यह बात होगी वे अच्छा कर सकते थे, लेकिन कर नहीं पाए। किसी के लिए तो यह रिजल्ट काफी अच्छा रहा होगा।
प्रेरणा पाठक (भोपाल) – आर्ट्स (97%)
अब आगे की तैयारी करूंगी, दोबारा परीक्षा देने का मतलब नहीं
10वीं के रिजल्ट से की तरह ही है। मैं इस रिजल्ट से काफी मायूस हूं। मैंने 12वीं क्लास में काफी अच्छे से पढ़ाई की थी। मुझे विश्वास था कि रिजल्ट और सुधरेगा, लेकिन परीक्षा ही नहीं दे पाए। अब आगे की तैयारी करूंगी। नियमित पढ़ाई नहीं हुई। अब उससे फोकस भी नहीं रहा, ऐसे में दोबारा परीक्षा देने का मतलब नहीं है, क्योंकि टाइम नहीं है।
बबली शर्मा (भोपाल)- आर्ट्स (93%)
अब अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाएगा
रिजल्ट से मायूसी तो नहीं है, लेकिन 10% के रिजल्ट से कोई अंतर नहीं रहा। लेकिन इस बात का अफसोस है कि अब अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाएगा। अगर परीक्षा देता तो रिजल्ट काफी सुधर सकता था, लेकिन दोबारा परीक्षा नहीं दूंगी। इसके लिए समय नहीं है। आगे की तैयारी करना है। फार्म भरना और एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा देना है।
भोपाल के सुभाष एक्सिलेंस स्कूल में रिजल्ट घोषित होने के बाद चर्चा करते छात्र।
राजीव विश्कर्मा (भोपाल)- आर्ट्स (81%)
रिजल्ट बेहतर होना था, दूसरा ऑप्शन नहीं है
पहले से रिजल्ट सुधरा है, लेकिन 12वीं के ज्यादा तैयारी की थी। रिजल्ट इससे भी बेहतर होना था, लेकिन कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था। अब दोबारा परीक्षा नहीं दूंगा। इसका कोई मतलब नहीं है। अब काफी अंतर हो चुकी है। पढ़ाई पीछे जा चुकी है। निरंतर नहीं है। इससे रिजल्ट खराब हो जाएगा। अब आगे जाने के बारे में सोचेंगे, पीछे जाने का सवाल नहीं उठता।
दोबारा परीक्षा देने का विकल्प
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि रिजल्ट से नाखुश बच्चे 1 सितंबर से होने वाली 12वीं की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए 1 अगस्त से 10 अगस्त के बीच परीक्षा फार्म भरना होगा। अगर बच्चा सभी विषयों में परीक्षा देना चाहता है, तो सभी में दे सकता है और वह किसी विशेष विषय का पेपर देना चाहता है, तो भी उसके पास विकल्प है।
इस कारण परीक्षा का ऑप्शन रखा
यह निर्णय स्कूल शिक्षा ने कानूनी अड़चनों को देखते हुए लिया है। जानकारों की माने कि 10वीं के आधार पर रिजल्ट तैयार करने को लेकर कोई भी कोर्ट जा सकता था। ऐसे में कानूनी जानकारों से बातचीत के बाद शासन ने नाखुश छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा का विकल्प रखा।