भोपाल में लोकायुक्त की टीम ने लोक निर्माण विभाग यानि पीडब्ल्यूडी में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा किया है. टीम ने एक ठेकेदार की शिकायत पर रिश्वत ले रहे इंजीनियर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. इस मामले में जांच चल रही है. ठेकेदारों को पेमेंट करने के एवज में उनसे रिश्वत मांगी जा रही थी.
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार का खेल जारी है. ठेकेदारों की शिकायत है कि भोपाल स्थित संभागीय कार्यालय में ठेकेदारों से उनके बिल पास करने और पेमेंट के एवज में रिश्वत ली जाती है. पेमेंट के लिए एक फिक्स परसेंटेज भी रखा गया है. ऊपर से लेकर नीचे तक सभी अधिकारी कर्मचारी इस भ्रष्टाचार के खेल में लिप्त हैं.
पेमेंट के बदले रिश्वत
राजगढ़ के रहने वाले गोविंद चौहान पेशे से ठेकेदार हैं. उन्होंने 8 जून को भोपाल लोकायुक्त के एसपी से शिकायत की थी कि लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एस सी वर्मा एक लाख की रिश्वत मांग रहे हैं. ये रिश्वत पोल शिफ्टिंग के 75 लाख के टेंडर के समय सुरक्षा निधि के रूप में जमा एफडी के पैसे वापस देने और पूर्व में हुए भुगतान के एवज में 6% यानि 1 लाख रुपये थी. इस शिकायत की प्राथमिक तौर पर लोकायुक्त की टीम ने जांच की. जांच करने के बाद शिकायत सही पायी गयी. इसके बाद एसपी के निर्देश पर डीएसपी डॉ सलिल शर्मा ने अपनी टीम के साथ 12 दफ्तर जवाहर चौक स्थित लोक निर्माण विभाग के संभागीय कार्यालय में दबिश देकर इंजीनियर एससी वर्मा को 40 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में वर्मा साथ एक अन्य कर्मचारी को भी पकड़ा गया है.