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- Uttar Pradesh, Meerut, Kanwar Yatra, No Entry, Bain, Due To Cancellation Of Kanwar Yatra, The Boundaries Of Haridwar Are Sealed, From Roads To Buses And Trains, Kanwariyas Can Bring Gangajal From Haridwar In Tanker But Permission Is Necessary.
मेरठ6 घंटे पहले
हरिद्वार-यूपी बॉर्डर पर वाहनों की तलाशी लेती उत्तराखंड पुलिस। कांवडियों को रोकने केलिए 6 अगस्त तक बार्डर सील कर दिया गया है।
कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद उत्तराखंड में हरिद्वार की सीमाएं 24 जुलाई से 6 अगस्त तक के लिए सील कर दी गई हैं। यहां गुरु पूर्णिमा के साथ कांवड़ मेले की शुरुआत होती है। हरिद्वार प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि कांवड़िए यहां न आएं। अगर वे आए तो उन्हें वापस भेज दिया जाएगा या फिर 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड के आईजी (कानून व्यवस्था) वी.मुरुगेशन ने कहा कि गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए हरिद्वार पुलिस ने खास व्यवस्था की है। उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के कांवड़ सेवा संघ यहां से टैंकरों में भरकर गंगाजल ले जा सकते हैं। उसके लिए इन संघों को अपने जिले की पुलिस से लिखित रूप में अनुमति लेकर हरिद्वार आना होगा।
हरिद्धार की सीमाओं को सील कर दिया गया है।
कांवड़ संघ मांग रहे टैंकर लाने की अनुमति
मेरठ में शिव कांवड़ सेवा समिति से जुड़े दुष्यंत रोहटा ने बताया कि हरिद्वार से टैंकर में गंगाजल को भरकर उसका पूजन करके मेरठ लाया जाएगा। इसके लिए हम मेरठ और हरिद्वार के जिला प्रशासन से अनुमति मांग रहे हैं। टैंकर से मेरठ में लोग गंगाजल ले जा सकते हैं। उधर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार से एक टैंकर में गंगाजल भरकर उसे वेस्ट यूपी के लिए भिजवाया है।
महंत बोले- गाइडलाइन का इंतजार
बुलंदशहर जिले के अहार स्थित अंबकेश्वर महादेव मंदिर पर हर साल लाखों कांवड़िए जलाभिषेक करते हैं। इस मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रहम् गिरि का कहना है कि अभी जिला प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है। मंदिर के बराबर से गंगा बह रही हैं। लोग चाहें तो गंगा से जल लेकर भी भोलेशंकर का अभिषेक कर सकते हैं। मेरठ के ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर पर भी लाखों कांवड़िए आते हैं। मंदिर कमेटी को भी सरकारी गाइडलाइन का इंतजार है।
हरिद्वार जाने वाली बसों में यात्री नहीं
मेरठ डिपो के एआरएम आरके वर्मा ने बताया कि हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को साफ निर्देश है कि वह वैक्सीनेशन कार्ड और आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने के बाद ही बस में बैठें। इन निर्देशों की वजह से हरिद्वार जाने वाली बसों में यात्रियों की संख्या में काफी गिरावट आई है। बसें खाली जा रही हैं। यही स्थिति रेलवे स्टेशनों की है। अगर लोग हरिद्वार जाने वाली ट्रेन में बैठ जा रहे हैं तो हरिद्वार से पहले ही उनकी जांच-पड़ताल हो रही है और कांवड़ियों को लौटाया जा रहा है।
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