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- Sisodia Said Calling A Meeting Without The Government And Taking A Decision Is Unconstitutional
नई दिल्ली3 घंटे पहले
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उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया।
- आरोप- एलजी ऑफिस का अधिकारियों पर अपने निर्णय को लागू करने के लिए दबाव
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर फिर से जंग तेज होती जा रही है। दिल्ली सरकार को बिना सूचित किए बिना दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों को दिए जा रहे ‘आदेश’ दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नागवार गुजरा है। सिसोदिया ने कहा है, ऐसी बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय न केवल असंवैधानिक हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी है।
सिसोदिया ने उपराज्यपाल के विरूद्ध मोर्चा खोलते हुए कहा है कि सरकार को दरकिनार कर अधिकारियों को मीटिंग में बुलाया जाना और निर्णय लेना जनतंत्र की हत्या है। इसे लेकर उपराज्यपाल को लिखी पत्र में सिसोदिया ने लिखा है कि उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारी सरकार के अधिकारियों पर अपने निर्णय को लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
सिसोदिया ने पत्रकारों को बताया कि विगत कुछ महीनों से आप दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों को अपने दफ्तर में बुलाकर उनकी मीटिंग ले रहे हैं और उन्हें उनके विभाग से संबंधित कार्यों के संबंध में दिशानिर्देश भी दे रहे हैं। पत्र में सिसोदिया ने व्यक्तिगत रूप से उपराज्यपाल की तारीफ भी की है कि मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव से जानता हूं कि आप एक बहुत अच्छे और नेक नीयत इंसान हैं और इसके लिए मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं।
सिसोदिया ने लिखा है, संविधान में कहीं भी दिल्ली के उपराज्यपाल को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वे दिल्ली की चुनी हुई सरकार के तहत आने वाले विषयों पर संबंधित विभागों के अधिकारियों की सीधे बैठक बुलाएं, निर्णय लें और उन्हें दिशा निर्देश जारी करें। संविधान ने आपको दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में केवल तीन विषयों पुलिस लैंड और पब्लिक ऑर्डर के बारे में निर्णय लेने का अधिकार दिया है।
संविधान ने उपराज्यपाल की जिम्मेदारी तय की है कि इन तीन विषयों को छोड़कर सरकार चलाने के बाकी सभी विषयों पर आप केवल चुनी हुई सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार काम करेंगे। सिसोदिया ने, उपराज्यपाल को मिले वीटो पावर का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है, देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली के उपराज्यपाल को संविधान ने वीटो पावर दी है कि दिल्ली की चुनी सरकार के किसी निर्णय से सहमत होने की स्थिति में आप अपनी अलग राय व्यक्त कर सकते हैं।
नई आबकारी नीति पर दिल्ली सरकार को नोटिस
दिल्ली सरकार के जिस नई आबकारी नीति को दिल्ली के उपराज्यपाल ने कैबिनेट में लाने के पहले मामूली सुझावों के साथ ऑल इज वेल हरी झंडी दे दिया था। उस नई आबकारी नीति को दिल्ली लीकर सेल्स एसोसिएशन के याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के बाद अब दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिया है।
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