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- Estimates Of Former CIA Computer Expert Edward Snowden 50 Thousand People Are Being Spied On, If Not Stopped, There Will Be 50 Million Victims; Need To Stop Spyware Trade
वॉशिंगटन3 घंटे पहले
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स्नोडेन ने कहा कि ज्यादातर मोबाइल फोन एक जैसे हैं। इसलिए पेगासस के जरिए बड़े पैमाने पर निगरानी आसान हो गई।
इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए पत्रकारों, नेताओं, जजों, वकीलों, कारोबारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी का मामला चर्चा में है। इस पर अमेरिका के केंद्रीय खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व कंप्यूटर विशेषज्ञ एडवर्ड स्नोडेन ने अपनी राय रखी है।
स्नोडेन ने 2013 में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के खुफिया जन निगरानी कार्यक्रम को उजागर किया था। ‘द गार्डियन’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि इस तकनीक से अभी 50 हजार की जासूसी हो रही है। भविष्य में पांच करोड़ लोगों की जासूसी भी हो सकती है। इन्हें और इनके विस्तार को तुरंत रोकना जरूरी है। स्नोडेन ने कहा कि भविष्य में जासूसी की यह रफ्तार अनुमान से ज्यादा तेज होगी। आज सरकार के प्रायोजित हैकरों से कोई मोबाइल फोन सुरक्षित नहीं है।
स्नोडेन की राय में सरकारों को अंतरराष्ट्रीय स्पाईवेयर व्यापार पर वैश्विक रोक लगानी चाहिए। जैसे परमाणु हथियारों का बाजार बनाने की अनुमति नहीं है, इन्हें भी अनुमति न मिले। स्नोडेन ने कहा कि कमर्शियल मालवेयर ने सरकारों के लिए जासूसी को संभव बनाया है। ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ के अध्ययन से यह बात उजागर होती है। इस प्रोजेक्ट के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों पर आक्रामक तरीके से निगरानी रखी गई। इसमें पुलिस को पारंपरिक तरीके से किसी का फोन रिकॉर्ड नहीं करना पड़ा और न ही प्रवर्तन एजेंसियों को किसी के घर छापा मारना पड़ा।
स्नोडेन का मानना है कि कमर्शियल स्पाईवेयर के जरिए निगरानी में खर्च और जोखिम कम था। दूर से ही जासूसी संभव हो सकी। इसलिए इस तरह की जासूसी तकनीक की बिक्री रोकना बेहद जरूरी है। अगर नहीं रोकी गई तो इसके हर समय इस्तेमाल का खतरा रहेगा। मामूली बातों में भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
एक जैसे मोबाइल और सॉफ्टवेयर ने जासूसी को आसान बना दिया
स्नोडेन से पूछा गया कि लोग हैकरों से खुद को कैसे बचा सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर मोबाइल फोन एक जैसे हैं। इसलिए पेगासस के जरिए बड़े पैमाने पर निगरानी आसान हो गई। दरअसल, दुनियाभर के आईफोन में एक जैसे सॉफ्टवेयर होते हैं। इसलिए हैकर एक आईफोन हैक करने का तरीका खोज लेते हैं तो उनके लिए दूसरे आईफोन को हैक करने का तरीका ढूंढ़ना भी आसान है। यह एक तरह के ‘संक्रमण उद्योग’ का नतीजा है।