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इवांका ट्रम्प अपने पति और बच्चों के साथ लॉन्चिंग देखने पहुंचीं, नासा ने महामारी को देखते हुए लोगों से घर में रहने की अपील की थी

  • अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले को इस मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस सेंटर भेजा जाना है
  • अब इस मिशन की लॉन्चिंग 30 मई को होगी, यह नासा और स्पेसएक्स का साथ में पहला मानव मिशन होगा

दैनिक भास्कर

May 28, 2020, 08:12 PM IST

वॉशिंगटन. अमेरिका में खराब मौसम की वजह से  स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की लॉन्चिंग टालनी पड़ी। इसे 27 मई की रात को दो बजकर तीन मिनट पर नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स के साथ उड़ान भरनी थी, लेकिन 16 मिनट पहले मिशन को रोक दिया गया। अब 30 मई को इसे अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। नासा ने कोरोना को देखते हुए लोगों से अपने घरों पर रहने और लॉन्चिंग देखने के लिए न आने की अपील की थी। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी बेटी इवांका ट्रम्प अपने पति जेयर्ड और दोनों बच्चों के साथ केनेडी स्पेस सेंटर पहुंची थीं। 

इवांका ने बाद में ट्वीट कर मिशन टालने की जानकारी दी। इस पर एक यूजर ने ट्वीट किया, उम्मीद है कि जेयर्ड ने संक्रमण नहीं फैलाया होगा, जैसा कि इंसान करते हैं। इसके साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की गई थी जिसमें जेयर्ड बिना मास्क के नजर आ रहे थे। हालांकि, इवांका और उनके दोनों बच्चे मास्क पहने हुए थे। वहीं, ट्रम्प भी इस मौके पर बिना मास्क के ही पहुंचे थे। 

2011 के बाद यह पहला मौका था जब अमेरिका अपने देश से स्वदेशी रॉकेट की मदद से अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) भेजने वाला था। दरअसल, नासा एलन मस्क की निजी कंपनी स्पेस एक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस भेजने जा रहा है। स्पेस एक्स का क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फॉल्कन रॉकेट के ऊपर लगाया गया है। इससे अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले मौजूद रहेंगे। दोनों पहले भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं।

20 साल साल से मिशन पर काम चल रहा है

  • नासा 2000 के दशक की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर क्रू की आवाजाही का काम छोड़ने की योजना बना रहा है। इसी के तहत, उसने एक प्रोग्राम शुरू किया। इसमें निजी फर्मों को शामिल किया जाएगा।

  • अमेरिका ने 2011 में यान भेजने बंद कर दिए थे। इसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष अभियानों को रूस की उड़ानों का सहारा लेना पड़ा। इसका खर्च लगातार बढ़ता जा रहा था। इसके बाद नासा ने स्पेस एक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी। एलन मस्क की इस कंपनी ने 2012 में पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा।
  • इसके बाद अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की स्पेसएक्स एयरोस्पेस सेक्टर की दिग्गज कंपनी बोइंग के साथ आगे आई। एलन मस्क ने स्पेसएक्स कंपनी को 2002 में बनाया था। इसका मकसद अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करना है। साथ ही मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बनाना भी है।  

मिशन के तहत इससे अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर भेजा जाना था।

12 दिन अंतरिक्ष में रहकर 16 सूर्योदय देखेंगे, 71-71 करोड़ रु. दिए

कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को यात्रा से पहले 15 दिनों तक क्वारैंटाइन में रखा गया। दोनों यात्री 12 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे। इसके लिए दोनों ने 71-71 करोड़ रु. खर्च किए हैं। इस दौरान वे 16 सूर्योदय देख सकेंगे।

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