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साहस: तेल कीमतों पर बोले गडकरी तो चिंदबरम ने कहा- मोदी सरकार में केवल उन्हीं में हिम्मत

पीटीआई, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Wed, 14 Jul 2021 12:46 AM IST

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम – फोटो : PTI

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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार में केवल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास ही आवाज उठाने की हिम्मत है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर गडकरी के बयान को लेकर चिदंबरम ने यह टिप्पणी की। चिदंबरम ने कहा कि गडकरी में साहस है, इसलिए उन्हें कैबिनेट में भी अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। दरअसल, गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों में गुस्से की बात स्वीकार की थी।

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गडकरी ने क्या कहा था?
खबरों के मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने सोमवार को नागपुर में देश के पहले वाणिज्यिक तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) फिलिंग स्टेशन का उद्घाटन किया और इस दौरान कहा कि एलएनजी, सीएनजी और इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के अधिक उपयोग से पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी, जिसकी वजह से लोग परेशान हैं और आंदोलन कर रहे हैं।

चिदंबरम ने दी प्रतिक्रिया
उनकी इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘देश में हर व्यक्ति जानता है कि इस सरकार में सारे निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए जाते हैं। फिर ये मायने नहीं रखता कि कौन वित्त मंत्री है और कौन नहीं है। प्रधानमंत्री खुद ही वित्त मंत्री हैं, रक्षा मंत्री हैं, विदेश मंत्री, खेल मंत्री हैं। वही सब कुछ हैं।’ उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सिर्फ गडकरी में यह साहस है कि वह समय-समय पर आवाज उठाते हैं, लेकिन इन दिनों वह भी खामोश हैं। उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए। उन्हें कैबिनेट में अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।

गडकरी के बयानों से पहले भी केंद्र सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। कई बार उनके बयान से केंद्र सरकार असहज स्थिति में आ चुकी है। हाल ही में वैक्सीन की कमी को लेकर उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सुझाव दिया था कि देश में ज्यादा कंपनियों को कोरोना वैक्सीन बनाने का लाइसेंस देना चाहिए और उन कंपनियों को इसके बदले रॉयल्टी देनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद केंद्र सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि सार्वजनिक मंचों पर ऐसे बयान की जगह गडकरी कैबिनेट की बैठक में ऐसे सुझाव क्यों नहीं देते हैं। चिदंबरम का ताजा बयान केंद्र सरकार को महंगाई के मुद्दे पर उसके मंत्री के बयान के जरिए ही घेरने की कोशिश माना जा रहा है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव किए जाने के बाद नितिन गडकरी से माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) मंत्रालय का प्रभार ले लिया गया है। अब यह मंत्रालय महाराष्ट्र से ही भाजपा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को दिया गया है। गडकरी से एमएसएमई मंत्रालय का प्रभार लिए जाने के फैसले पर लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल भी खड़े किए थे।

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