वॉशिंगटनएक घंटा पहले
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मुकदमे में दावा किया गया है कि गूगल ने ‘संभावित प्रतिस्पर्धी एप स्टोर्स को निशाना बनाया’ और सुनिश्चित किया कि डेवलपर्स के पास गूगल प्ले के जरिये अपने एप लाने के अलावा कोई विकल्प न बचे।
अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल को अपने ही देश में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब 50 में से 36 राज्यों और कोलंबिया जिले ने बुधवार को गूगल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि सर्च इंजन का मोबाइल एप स्टोर एकाधिकार का दुरुपयोग करता है। वह सॉफ्टवेयर डेवलपरों पर आक्रामक नियम थोपता है।
मुकदमे में दावा किया गया है कि गूगल ने ‘संभावित प्रतिस्पर्धी एप स्टोर्स को निशाना बनाया’ और सुनिश्चित किया कि डेवलपर्स के पास गूगल प्ले के जरिये अपने एप लाने के अलावा कोई विकल्प न बचे। अक्टूबर के बाद से यह चौथा राज्य स्तरीय या संघीय अविश्वास का मुकदमा है। हालांकि एप स्टोर की जांच की मांग वाला पहला मुकदमा है। गूगल ने एक ब्लॉक पोस्ट में मुकदमे को बकवास बताया है।
उसने कहा है कि आश्चर्य है कि अटॉर्नी जनरल हमारे विरोधी एपल की बजाय प्ले स्टोर पर हमलावर हैं। गूगल में पब्लिक पॉलिसी के सीनियर डायरेक्टर विलियम व्हाइट के मुताबिक, ‘यह मुकदमा छोटे आदमी की मदद करने या ग्राहकों की रक्षा के लिए नहीं है। बल्कि यह उन कुछ प्रमुख एप डेवलपर्स को बढ़ावा देने के लिए है, जो बिना भुगतान किए गूगल प्ले के लाभ चाहते हैं।’
डिजिटल सामग्री प्ले स्टोर से बेचने को मजबूर करता है गूगल
मोबाइल एप डेवलपर्स का कहना है कि उन्हें अपनी डिजिटल सामग्री को गूगल प्ले स्टोर के जरिये बेचने को मजबूर किया जाता है। इसके लिए गूगल को अनिश्चित काल के लिए 30% तक कमीशन देना पड़ता है। गूगल उन्हें अधिक शुल्क देने पर मजबूर करता है। मुकदमे में कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा बढ़े तो यूजर्स को अधिक विकल्प मिल सकते हैं और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। मोबाइल एप की कीमतों में भी कमी आ सकती है।
मुकदमे में यह चिंता भी जताई गई है कि गूगल का अपने एंड्रॉइड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम में मोबाइल एप्स के वितरण पर नियंत्रण है। गूगल के इस प्रतिस्पर्धा विरोधी आचरण के कारण गूगल प्ले स्टोर की हिस्सेदारी 90% से अधिक है। आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर के मोबाइल फोन इस्तेमालकर्ताओं से गूगल को मिलने वाला एप राजस्व 2021 के पहले छह महीने में नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। यह 4.81 लाख करोड़ रुपए पर रहा।
राज्यों ने क्यों दायर किया मुकदमा
एपल और गूगल जैसी कंपनियों के प्रभुत्व को कम करने के लिए कई राज्यों में पिछले हफ्तों में कानून के प्रस्ताव आए। अपने कानून का पक्ष मजबूत करने के लिए ही संभवत: राज्यों ने यह कदम उठाया है। केस का नेतृत्व कर रहे उताह के अटॉर्नी जनरल सीन रेयेस कहते हैं, गूगल प्ले निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहा है।
शरमन एक्ट का उल्लंघन कर रहा गूगल, माइक्रोसॉफ्ट समझौता कर चुका
कैलिफोर्निया के पूर्वोत्तर जिला अदालत में दायर 144 पेज के मुकदमे में 36 राज्यों और कोलंबिया जिले में दावा किया गया है कि गूगल शरमन एक्ट का उल्लंघन कर रहा है। यह एक संघीय कानून है। शरमन एक्ट मुक्त प्रतिस्पर्धा को रोककर एकाधिकार स्थापित करने या बनाए रखने के गलत व्यवहार को रोकता है।
इस अधिनियम का उपयोग 1911 में स्टैंडर्ड ऑयल और 1982 में एटी एंड टी के एकाधिकार को तोड़ने के लिए किया गया था। 2001 में, माइक्रोसॉफ्ट शरमन एक्ट के मुकदमे से बच गया था। तब उसने न्याय विभाग से समझौता कर लिया था।