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एक घंटा पहलेलेखक: टिफनी मे/एमी चांग
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फेशियल रिकग्निशन के जरिए यूजर की पहचान होगी।
चीन की इंटरनेट दिग्गज कंपनी टेंसेंट ने कहा है कि वह अपने वीडियो गेम में खामियों को दूर करते हुए फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने जा रही है। उसका मानना है कि बच्चों को ऑनलाइन वीडियो गेम खेलने से रोकने के लिए कितने भी प्रतिबंध लगा लें, वे तोड़ निकाल ही लेते हैं। हालांकि चीन में कम उम्र के बच्चों और किशोरों का स्क्रीन टाइम कम रखने और उन्हें गेम की लत से बचाने के लिए लॉगइन के नियम कड़े कर दिए गए हैं।
18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए रात 10 से सुबह 8 बजे तक वीडियो गेम खेलने पर प्रतिबंध है। फिर भी टेंसेंट को लगता है कि बच्चे अपने अभिभावकों के डिवाइस और यूजर आईडी का इस्तेमाल ऑनलाइन वीडियो गेम खेलने में कर सकते हैं। पर चीन में बच्चों की ये कोशिशें अब कामयाब नहीं हो पाएंगी। कंपनी ने इसके लिए मिडनाइट पैट्रोल फीचर लॉन्च कर दिया है।
कंपनी ने इसकी टैगलाइन ‘बच्चो, अपने फोन दूर रखो और सोने जाओ’ रखी है। पर इस सुविधा के लॉन्च होते ही चीन में इंटरनेट प्लेटफॉर्म द्वारा उठाए जा रहे अनुचित फायदों और प्राइवेसी के जोखिम पर बहस भी शुरू हो गई है। कुछ लोग इस नियंत्रण के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि इससे किशोरों को इंटरनेट की लत को रोकने में मदद मिलेगी।
वहीं कुछ का कहना है कि टेंसेंट कुछ ज्यादा ही पितृसत्तात्मक रुख अपना रही है। कियोन चैंटर नामक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बच्चों को रोकने का ये काम तो अभिभावकों को करना चाहिए। चीन में बड़ी संख्या में इंटरनेट यूजर साइबर स्पेस में सख्ती और सिकुड़ती जगह को लेकर शिकायत करते रहे हैं।
दरअसल चीनी नियामक मोबाइल गेम्स से युवा पीढ़ी को दूर रखने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रहे हैं। 2018 के बाद से ज्यादा सख्ती की गई है। हिंसा के आभासी चित्रण पर कड़े प्रतिबंधों के जरिए इन पर लगाम कसी जा रही है। हर साल ऑनलाइन गेम्स की स्वीकृति के लिए कोटा तय कर दिया गया है। इंटरनेट कंपनियों की ये सख्ती इसी अभियान का हिस्सा है।
नए फीचर का इस्तेमाल शुरुआत में 60 मोबाइल गेम्स पर किया जाएगा
टेंसेंट मिडनाइट पैट्रोल फीचर का इस्तेमाल शुरुआत में 60 मोबाइल गेम पर करेगी। इनमें बहुत सारे प्लेयर के बीच खेला जाने वाला चर्चित गेम ‘ऑनर ऑफ किंग्स’ भी शामिल है। बताया जाता है कि 10 करोड़ यूजर रोजाना इस गेम को खेलते हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि तय समय के बाद किसी वयस्क के आईडी की मदद से कोई किशोर या बच्चा ऑनलाइन गेम खेलने की कोशिश करेगा, तो फेशियल वेरिफिकेशन चेक के जरिए उसकी पैंतरेबाजी पकड़ ली जाएगी और गेम खेलने से रोक दिया जाएगा।