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- The Accused Got Him From Joining Letter To Medical, Remained In The House Of The Victims As A Tenant, There Is A Whole Gang Of Three Including The Woman
जबलपुर2 घंटे पहले
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आरोपी राकेश सेन ने रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर एमपी-राजस्थान में कई से की है ठगी।
जबलपुर में रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का सोमवार को भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने मामले में राकेश सराठे और रितु सेन को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी फरार है। गिरोह का सरगना तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई अभिभावकों से लाखों रुपए ठग चुका है। आरोपी पीड़ितों के घर में ही किराए से कमरा लेकर रेडीमेड कपड़ों की सेलिंग करता था।
आरोपी ने कुछ लोगों को ज्वाॅइनिंग लेटर देने के साथ उनका विभागीय मेडिकल तक करा दिया। उसकी गैंग में एक महिला समेत दो लोग और हैं। दोनों को वह रेलवे का बड़ा अधिकारी बता पीड़ितों से मिलवाता था। गैंग के शिकार कई परिवार बने हैं। अब एक-एक कर पीड़ित सामने आ रहे हैं।
गोहलपुर पुलिस के मुताबिक गोहलपुर बस्ती नंबर दो निवासी नर्मदा पटेल ने रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। बताया, एक फरवरी को घमापुर निवासी राकेश कुमार सराठे (54) पड़ोसी मुकेश कुशवाहा के मकान में किराए से रहने आया था। वह किराए के कमरे से ही रेडीमेड कपड़े का व्यवसाय करता था। धीरे-धीरे उसने आसपास के लोगों से घरेलू संबंध बना लिए। एक अप्रैल को राकेश कुमार सराठे उसके मकान में से शिफ्ट हो गया। यहां से भी वह कपड़ों का व्यवसाय करने लगा।
बेटे व दामाद की नौकरी लगाने का झांसा दिया
नर्मदा का बेटा प्रतुल्य और दामाद सुमित बेरोजगार हैं। राकेश ने नर्मदा से कहा- रेलवे में उसकी अच्छी पकड़ है। उसने बेटे की नौकरी रेलवे में लगवाई है। अभी वह करेली स्टेशन पर पदस्थ है। नर्मदा को झांसा दिया कि उसके बेटे व दामाद की भी नौकरी लगवा सकता है। दोनों की पढ़ाई से संबंधित दस्तावेजों की फोटो काॅपी ली। घर पर ही रेलवे विभाग का फार्म और उत्तर पुस्तिकाएं लेकर आ गया। उत्तर पुस्तिकाओं पर हस्ताक्षर करवा लिए। फिर बताया कि उसके बेटे प्रतुल्य की नौकरी के लिए अधिकारियों से 3 लाख और दामाद सुमित की नौकरी के लिए 4 लाख रुपए में बातचीत हुई है।
चेक से नहीं लिया पैसा, बोला- रेलवे अधिकारी नकद लेते हैं
नर्मदा ने चेक से पैसे देने की पेशकश की, तो बोला- रेलवे के अधिकारी नकद पैसा लेते हैं। चेक से फंसने का डर रहता है। फिर उसने 15 अप्रैल से 25 मई के बीच में तीन बार में 7 लाख रुपए नकद दे दिए। कुछ दिनों बाद राकेश ने बताया, उसका बेटा व दामाद परीक्षा में पास हो गए हैं। अब मेडिकल होना है। रेलवे अस्पताल का एक्सरे मशीन खराब बता उसने 22 मई को दामाद सुमित कुशवाहा का संजीवनी अस्पताल और बेटे प्रतुल्य का कोठारी अस्पताल में एक्सरे कराया। दोनों एक्सरे रिपोर्ट भी रख लिए। फिर कुछ दिन बाद बोला- दोनों परीक्षा व मेडिकल में पास हो गए हैं।
स्टेशन भी ले गया घुमाने, एक महिला व एक व्यक्ति को अधिकारी बता मिलाया
आरोपी इतना शातिर है, दोनों को लेकर शहपुरा-भिटौनी, पनागर और जबलपुर मुख्य रेलवे स्टेशन पर घुमाने भी ले गया। वहां एक महिला और एक तिवारी सरनेम के व्यक्ति को अधिकारी बता कर मिलवाया। स्टेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को दिखाकर बोला- तुम्हें भी यही नौकरी करनी पड़ेगी। ज्वाॅइनिंग के बारे में बोला कि लॉकडाउन समाप्त होते ही मिल जाएगी। इसके बाद ट्रेनिंग पर जाना होगा।
आरोपी ने फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर भी दिए थे।
ज्वाॅइनिंग लेटर दिया और चार दिन बाद फरार
आरोपी ने 3 जून को सुमित और प्रतुल्य पटेल को रेलवे में टिकट परीक्षक के पद पर सीधी भर्ती का ज्वाॅइिनंग लेटर दिया। बोला- 7 जून को सुबह 11 बजे तैयार होकर उसके साथ जाना होगा। 7 जून को सुबह 8 बजे नर्मदा खेत से लौटा तो देखा कि राकेश कुमार सराठे के कमरे का गेट खुला था। वह सामान समेत गायब था। उसका मोबाइल भी बंद बता रहा था।
फरार होने की खबर फैली तो दूसरे लोग भी सामने आए
राकेश कुमार के कमरा छोड़कर भागने की खबर फैली, तो पड़ोसी जवाहरलाल कुशवाहा भी सामने आए। बताया- आरोपी ने उसके बेटे अंकित कुशवाहा की नौकरी लगवाने का झांसा देकर 2.95 लाख रुपए लिए थे। जयंती पटेल ने बताया, उसकी बेटी विद्या पटेल की नौकरी लगवाने 3 लाख रुपए आरोपी ने लिए हैं। वहीं, रामचरित कुशवाहा ने बताया कि उसके बेटे राघव कुशवाहा की नौकरी लगवाने 65 हजार लिए हैं। सभी पीड़ित गोहलपुर थाने पहुंचे। पुलिस ने 4 जुलाई को मामले में धोखाधड़ी, फर्जी ज्वाॅइनिंग लेटर जारी करने का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया।
आरोपी गिरफ्तार, नाम भी बदल कर पीड़ितों से मिला था
गोहलपुर पुलिस ने आरोपी राकेश कुमार सराठे को सोमवार को गढ़ा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि उसका असल नाम राकेश कुमार सेन है। उसकी गैंग में शामिल महिला का नाम रितु सेन हैं। वहीं, एक तिवारी सरनेम का एक और व्यक्ति है। दोनों को वह रेलवे में अधिकारी बता कर पीड़ितों से अलग-अलग स्टेशनों पर मिलवाया था। उक्त दोनों को भी पुलिस आरोपी बनाने की तैयारी में है।
रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाला गिरोह गोहलपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा।
शहर में कई लोगों को बनाया शिकार
गिरोह के शिकार शहर में कई लोग बने हैं। गोहलपुर में केस दर्ज होने के बाद विजय नगर निवासी बाॅम्बे चिकन सेंटर का संचालक भी पहुंचा। आरोपी उसके यहां भी किराए से रहते हुए रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 13 लाख रुपए ठग चुका है। सरगना राकेश सेन बल्देवबाग महिला मार्केट के पास रहने वाली रितु सेन उर्फ पूनम को रेलवे की महिला अधिकारी बनाकर मिलाता था। रितु सेन उर्फ पूनम (40) कपड़े की दुकान पर सेल्समैन है। उसे भी दबोच लिया। उसके पास से फर्जी ज्वाॅइनिंग लेटर, रेलवे के प्रश्नपत्र के पेपर, आंसर शीट, पेन कार्ड, आधारकार्ड आदि जब्त किए हैं।
ठगी की रकम से खोली कपड़े की दुकान
आरोपी राकेश सेन गोहलपुर से फरार होने के बाद गढ़ा में किराए से रहने लगा था। उसने ठगी की रकम से गढ़ा में कपड़े की दुकान खोल ली। आरोपी वहां से ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर कपड़े बेच रहा था। पुलिस ने मोबाइल के माध्यम से आरोपी को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया, वह संविदा पर रेलवे क्राॅसिंग पर गेटमैन की नौकरी कर चुका है। इस कारण उसे रेलवे के बारे में पता है। आरोपी ने राजस्थान में भी इसी तरह ठगी की है। वहां भी उसके खिलाफ केस दर्ज है। आरोपी मूलत: रीवा का रहने वाला है। शहर में गढ़ा, घमापुर, विजय नगर, गोहलपुर सहित कई जगह किराए से रह चुका है। ठगी में शामिल रितु सेन उसकी दोस्त है। खुद की पत्नी से आरोपी का अलगाव हो चुका है।