- Hindi News
- Local
- Mp
- Victim Said Sir Used To Ask For 10 Thousand Rupees On A Registry, Got Upset And Complained To The Officials Of The Department, But No Action Was Taken, So Reached The Police
भोपाल3 घंटे पहलेलेखक: ईश्वर सिंह परमार
- कॉपी लिंक
बैरसिया रजिस्ट्रार ऑफिस में कार्रवाई करती लोकायुक्त पुलिस।
भोपाल लोकायुक्त पुलिस के शिकंजे में फंसे बैरसिया सब रजिस्ट्रार मेहमूद खान वहां 3 साल से पोस्टेड था। इस दौरान उसने घूसखोरी के रेट 3 गुना तक बढ़ा दिए। इसकी शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक भी पहुंची, लेकिन मेहमूद खान पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा पीड़ित का ही लाइसेंस निरस्त कर दिया गया।
मेहमूद खान के घूस लेते पकड़े जाने के बाद विभाग के अफसर भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। पीड़ित का आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी मेहमूद के कारनामों की पूरी खबर थी, लेकिन वे उस पर कार्रवाई से बचते रहे। यही वजह है कि मुझे लोकायुक्त पुलिस का सहारा लेना पड़ा। इधर, मामले में चर्चा के लिए जिला पंजीयक मुकेश श्रीवास्तव से संपर्क किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला।
मेहमूद को सर्विस प्रोवाइडर दीपक साहू की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने दबोचा। पीड़ित दीपक का कहना है कि साहब 4 रजिस्ट्री के बदले 40 हजार रुपए मांग रहे थे। यानी एक रजिस्ट्री पर 10 हजार रुपए रेट फिक्स है। यह सिलसिला 3 साल से जारी है, जब साहब यहां पदस्थ हुए थे। पहले वे 3 हजार रुपए प्रति रजिस्ट्री लेते थे, जो बढ़कर 10 हजार रुपए हो गए। नहीं देने पर लाइसेंस निरस्त करवा देते थे। मेरा लाइसेंस भी निरस्त करवा चुके हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने भी नहीं सुनी बात
पीड़ित दीपक ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में मैंने घूस देने से मना करते हुए जिला पंजीयक को शिकायत की थी। सब रजिस्ट्रार खान पर कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन मेरा लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। इस साल मार्च में मैंने सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, उसे भी निरस्त कर दिया गया। लिहाजा, एक सप्ताह पहले ही सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। अभी दूसरे सर्विस प्रोवाइडर के साथ काम कर रहा हूं। यह भी सब रजिस्ट्रार को आंखों में खटक रहा है।
सप्ताह में 200 रजिस्ट्री
बैरसिया सब रजिस्ट्रार ऑफिस में सप्ताह में 200 रजिस्ट्री तक होती हैं। यानी प्रतिदिन करीब 40 रजिस्ट्री होती हैं। शनिवार को शासकीय अवकाश नहीं होने पर 8 से 10 रजिस्ट्री होती है।
वरिष्ठ अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में
सब रजिस्ट्रार के घूस लेते पकड़े जाने पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। मामले में जब जिला पंजीयक श्रीवास्तव से चर्चा करना चाही तो 3 बार तो उन्होंने मोबाइल ही रिसीव नहीं किया। चौथी बार लगाने पर मोबाइल ही स्विच ऑफ हो गया।