हाेशंगाबादएक घंटा पहले
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर जिला प्रशासन ने रेत खदानों से उत्खनन पर रोक लगा दी लेकिन होशंगाबाद शहर की करबला खदान से खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन होता रहा। नर्मदा में दिख रहे डेढ़ दर्जन से अधिक डंपर सबूत हैं कि माफिया कितना बेखौफ है। होशंगाबाद मुख्यालय में लगे पेड़ों के कारण डंपर शायद अधिकारियों को न दिखें इसलिए बुदनी वन विभाग के रेस्ट हाउस से गुरुवार दोपहर 3.55 बजे का यह नजारा आपके सामने है।
पिछले साल के रेत स्टाॅक, नए भी बने फिर भी अवैध खनन : माफिया ने अवैध रेत का स्टॉक कर रखा है। पिछले ठेकेदाराें के भी जिले में स्टाॅक है। इनकाे खाेलने काे लेकर निर्णय जिला स्तर पर हाेगा। अभी वर्तमान ठेकेदार के 6 रेत के स्टाॅक से रेत का परिवहन हाेगा।
अवैध उत्खनन रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनाैती : एनजीटी की ओर से रेत खनन पर 30 जून से 30 सितंबर तक रोक है। इस दौरान खदानों से उत्खनन, परिवहन, नर्मदा अाैर तवा की खदानाें से रेत चाेरी और सप्लाई काे राेकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनाैती हाेगा।
सभी खदानाें के रास्ते बंद कराएंगे। हर जगह टीम बनाकर खदानाें की निरीक्षण किया जाएगा। -पुष्पेंद्र त्रिपाठी, खनिज निरीक्षक
एनजीटी में खदानाें पर रेत उत्खनन राेकने के लिए खनिज विभाग के साथ कार्रवाई करेंगे। गुरुवार काे वैक्सीनेशन में लगे हैं। जल्द अवैध खनन करने वालाें पर कार्रवाई करेंगे।-निधि चाैकसे, तहसीलदार