40 मिनट पहले
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जापान का कहना है कि वह कोरोना से सुरक्षित ओलिंपिक के आयोजन के लिए तैयार है। लेकिन उसने भूकंप से सुरक्षित ओलिंपिक की तैयारी के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है।
- विदेशी खिलाड़ियों को भूकंप के बारे में जागरूक करना जापान के लिए सबसे बड़ी चुनौती
जापान की राजधानी टोक्यो में ओलिंपिक गेम्स शुरू होने में सिर्फ तीन हफ्ते बाकी हैं। जापान का कहना है कि वह कोरोना से सुरक्षित ओलिंपिक के आयोजन के लिए तैयार है। लेकिन उसने भूकंप से सुरक्षित ओलिंपिक की तैयारी के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है। बहरहाल, भूकंप की यादें जापानी लोगों के मन से कभी नहीं जातीं।
सरकारी विभाग भूकंप से बचने के लिए सतर्कता अभियान चलाते रहते हैं। आर्किटेक्ट और बिल्डर्स ऊंची इमारतों को ऐसे डिजाइन करते हैं कि इमारतें भूकंप के कारण गिरने न पाएं। इसका कारण यह है कि मध्य टोक्यो जैसे इलाकों को हर महीने हल्के या मध्यम तीव्रता के भूकंप का सामना करना पड़ता है।
फरवरी में पूर्वी जापान में तेज भूकंप आया था। इसने 2011 की सुनामी की याद दिला दी थी। अधिकारियों का कहना है कि ओलिंपिक में भले ही विदेशी दर्शक नहीं पहुंचेंगे। लेकिन दुनियाभर के हजारों खिलाड़ी, प्रशिक्षक और मीडिया सदस्य मौजूद रहेंगे ही। अगर ओलिंपिक के दौरान भूकंप आया तो विदेशियों को जानकारी देने के लिए घोषणा करनी पड़ेगी।
वैसे ज्यादातर पार्क और कार्यालयीन इमारतों में भूकंप के दौरान बाहर निकलने के लिए विशेष गेट हैं। लेकिन विदेशियों को यह बताना बड़ी चुनौती होगी कि उन्हें भूकंप के दौरान कहां जाना है। सरकार ने भूकंप की जानकारी देने के लिए 14 भाषाओं वाला एप तैयार किया है। हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और होटलों में पोस्टर लगाकर इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
हालांकि, यह कहना कठिन है कि व्यावहारिक तौर पर यह कितना कारगर सिद्ध होगा। भूकंपरोधी विभाग के प्रमुख अकिनोरी फुकाओ ने कहा, ‘सरकार ने पुराने ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए भवन मालिकों के साथ काम किया है। ओलिंपिक स्थलों के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिससे मिट्टी न धंसे।
रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4 से अधिक होने पर ओलिंपिक का आयोजन अस्थाई तौर पर रोका जा सकता है। इसके अलावा ओलिंपिक स्थलों की मजबूती की निगरानी के लिए 12 हजार से अधिक इंजीनियर तैनात किए गए हैं।’
टोक्यो में हर साल 60 से ज्यादा भूकंप आते ही हैं
जापान की भूकंप अनुसंधान समिति के अध्यक्ष नाओशी हिरता के अनुसार मध्य टोक्यो में हर साल औसतन 60 बार हल्के भूकंप आ जाते हैं। पिछले पांच साल से यही स्थिति है। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता एक या इससे अधिक रही है।
हिरता कहते हैं- ‘ओलिंपिक खेलों के दौरान भूकंप की आशंका रहेगी। लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये बहुत विनाशकारी होंगे।’