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- Access To 96 Countries; 28 Thousand Cases In Britain After 5 Months; Booster Dose To People Who Have Taken Both Doses
लंदनएक घंटा पहले
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भारत में सबसे पहले मिला कोरोना का डेल्टा वैरिएंट आधी दुनिया में पहुंच चुका है। अब तक 96 देशों में इसके केस मिले हैं। डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ महीनों में यह ज्यादा हावी हो जाएगा। वहीं, ब्रिटेन में मिला अल्फा वैरिएंट अब तक 172 देशों तक पहुंचा है।
हालांकि, ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट ने चिंता और बढ़ा दी है। यहां गुरुवार को 154 दिन बाद कोरोना के 27,989 केस मिले। यह 29 जनवरी के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसे लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि अब दुनिया भर में ब्रिटेन को एक टेस्ट केस के रूप में देखा जा रहा है।
ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बना है, जहां टीकाकरण की दर ऊंची है। फिर भी वहां कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। इस कारण यहां रोजमर्रा की जिंदगी पर नई पाबंदियां लगाने पर विचार किया जा रहा है।
दूसरी ओर, ब्रिटिश सरकार कोविड-19 रोधी टीके की दोनों डोज ले चुके 3 करोड़ लोगों को सितंबर से बूस्टर टीका लगाने की तैयारी कर रही है। इससे आगामी सर्दी के सीजन से पहले कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा बरकरार रखी जा सकेगी। दूसरी तरफ, अमेरिका में गुरुवार को 14,197 नए केस मिले, जबकि 249 मौतें दर्ज हुईं। इसके अलावा रूस और ईरान में केस बढ़े हैं।
डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आने वाले ज्यादातर युवा
लंदन स्थित क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग विषय की भारतीय मूल की सीनियर लेक्चरर दीप्ति गुरदसानी का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट किसी देश में महामारी की शक्ल बदल देने में सक्षम है। जब ये वैरिएंट आबादी में प्रवेश कर जाता है, तब संभव है कि हालत बहुत आसानी से हाथ से निकल जाएं। ब्रिटेन में जो लोग हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, उनमें ज्यादातर युवा हैं।
डेल्टा वैरिएंट को नजरअंदाज करना भारी पड़ा: विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट को नजरअंदाज करना ब्रिटेन को भारी पड़ रहा है। बाकी देशों को इस पर सबक के तौर पर निगाह रखनी चाहिए कि ब्रिटेन में स्थितियां क्या मोड़ लेती हैं। उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट दुनिया में सबसे प्रभावी वैरिएंट बनने जा रहा है। ऐसे में ब्रिटेन में जो अनुभव होगा, वो सारी दुनिया के लिए काम की चीज साबित हो सकता है।