[ad_1]
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
वाराणसी19 मिनट पहले
कॉपी लिंक
सबसे अधिक भीड़ दशाश्वमेध घाट पर उमड़ी हैं।
सात किमी लंबे घाटों की श्रृंखलाओं पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी हैंप्रमुख मार्गों पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग करके नो व्हीकल जोन बनाया गया
माघ मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाले अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार 12 महीनों में माघ मास को सबसे उत्तम माना गया हैं। काशी में मौन रह कर गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती हैं। दशाश्वमेध, अस्सी, अहिल्याबाई, राजघाट, भदैनी, राणा महल, दरभंगा, पाण्डेयघाट, रविदास घाट के साथ गंगा के उस पार भी स्नान करने वालों की भीड़ हैं।
महिलाओं को पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए
तीर्थ पुरोहित आंनद पांडेय ने बताया कि मौन रह कर मां गंगा से कल्याण की कामना से डुबकी लगाने से इंक्षाये पूर्ण होती हैं। आज के दिन काले तिल का दान करना चाहिए। भगवान विष्णु को तिल का दीप अर्पित करना चाहिए। आज गंगा में स्नान करने से दैहिक, भौतिक, दैविक ( ग्रह गोचरों का दुर्योग ) पापों से मुक्ति मिलती हैं।
एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम गंगा की गोद मे भी निगरानी भी कर रही हैं।
वाणी और मानसिक पाप भी धुलते हैं
जीवन काल में मनुष्य अक्सर दुर्भावना से मानसिक भावनाओं के चलते वाणी से अपशब्द बोलता हैं। जो पाप होता हैं। इसका प्राश्चित आज लोग मौन व्रत रहकर करते हैं। पितरों का पिंडदान करके छाता, कंबल, जूता भी दान किया जाता हैं। घाटों पर घने कोहरे के बावजूद भी लोगो के आस्था में कोई कमी नहीं हैं।
[ad_2]