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किसान आंदोलन (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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सरकार व किसान नेताओं के बीच पिछले कई दिनों से चल रही बयानबाजी के बीच अब संयुक्त किसान मोर्चा बुधवार को बैठक करके आंदोलन की अगली रणनीति तय करेगा। किसान मोर्चा की इस बैठक में सभी संगठनों के नेता शामिल होंगे। इसमें सरकार से बातचीत का रास्ता खोलने के लिए आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। इस बैठक में जिस तरह के फैसले लिए जाएंगे, उनको अन्य किसानों को बताया जाएगा और उसके आधार पर आगे आंदोलन चलेगा। मोर्चा की इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं।
कृषि कानून रद्द कराने की मांग को लेकर किसान पिछले 76 दिनों से कुंडली समेत दिल्ली के अन्य बॉर्डर पर बैठे हैं। सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला है। अब 18 दिन से बातचीत का रास्ता बंद है। जिससे किसानों ने चक्का जाम भी किया था। जिसके बाद किसानों को पूरी उम्मीद थी कि सरकार की ओर से वार्ता का प्रस्ताव आएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
इस तरह से सरकार पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को बैठक बुलाई है। किसान मोर्चा की यह बैठक भी काफी दिन बाद होगी और इसमें किसान नेता अभी तक की आंदोलन की स्थिति के साथ ही अगली रणनीति को लेकर बातचीत करेंगे। आंदोलन की अगली रणनीति बनाकर किसानों को बताई जाएगी।
संयुक्त मोर्चा के डॉ. दर्शनपाल ने बताया कि काफी समय से बैठक नहीं हुई थी। इसलिए बुधवार को बैठक बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में आंदोलन के अगले चरण के बारे में चर्चा कर घोषणा की जाएगी। अब तक के सरकार के रुख से उन्हें नहीं लगता है कि सरकार किसान के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बातचीत से हल होगा और बेहतर होगा कि सरकार बातचीत का रास्ता दोबारा शुरू करे।
सार
कुंडली बॉर्डर पर बुलाई गई हैं किसान मोर्चा की बैठक, सभी संगठनों के नेता शामिल होंगे
सरकार से बातचीत का रास्ता खोलने के लिए आंदोलन तेज करने को बनाई जाएगी रणनीति
विस्तार
सरकार व किसान नेताओं के बीच पिछले कई दिनों से चल रही बयानबाजी के बीच अब संयुक्त किसान मोर्चा बुधवार को बैठक करके आंदोलन की अगली रणनीति तय करेगा। किसान मोर्चा की इस बैठक में सभी संगठनों के नेता शामिल होंगे। इसमें सरकार से बातचीत का रास्ता खोलने के लिए आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। इस बैठक में जिस तरह के फैसले लिए जाएंगे, उनको अन्य किसानों को बताया जाएगा और उसके आधार पर आगे आंदोलन चलेगा। मोर्चा की इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं।
कृषि कानून रद्द कराने की मांग को लेकर किसान पिछले 76 दिनों से कुंडली समेत दिल्ली के अन्य बॉर्डर पर बैठे हैं। सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला है। अब 18 दिन से बातचीत का रास्ता बंद है। जिससे किसानों ने चक्का जाम भी किया था। जिसके बाद किसानों को पूरी उम्मीद थी कि सरकार की ओर से वार्ता का प्रस्ताव आएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
इस तरह से सरकार पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को बैठक बुलाई है। किसान मोर्चा की यह बैठक भी काफी दिन बाद होगी और इसमें किसान नेता अभी तक की आंदोलन की स्थिति के साथ ही अगली रणनीति को लेकर बातचीत करेंगे। आंदोलन की अगली रणनीति बनाकर किसानों को बताई जाएगी।
संयुक्त मोर्चा के डॉ. दर्शनपाल ने बताया कि काफी समय से बैठक नहीं हुई थी। इसलिए बुधवार को बैठक बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में आंदोलन के अगले चरण के बारे में चर्चा कर घोषणा की जाएगी। अब तक के सरकार के रुख से उन्हें नहीं लगता है कि सरकार किसान के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बातचीत से हल होगा और बेहतर होगा कि सरकार बातचीत का रास्ता दोबारा शुरू करे।
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