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कुतुब मीनार की मस्जिद पर दावा: हिंदू और जैन मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी; 27 मंदिर फिर से बनाने की अर्जी पर साकेत कोर्ट में आज सुनवाई

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Hindi NewsNationalLawsuit Filed For Restoration Of Hindu, Jain Temples In Qutub Minar Hearing In Delhi’s Court

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नई दिल्ली9 मिनट पहले

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पिटीशनर्स का कहना है कि कुतुब मीनार के कॉम्प्लेक्स की दीवारों, खंभों और छत पर देवी-देवताओं के चित्र और धार्मिक चिन्ह बने हुए हैं।- फाइल फोटो।

कुतुब मीनार में हिंदू और जैन मंदिरों को फिर से बनाने और नियमित पूजा-पाठ का अधिकार देने की अर्जी पर दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज सुनवाई होगी। पिटीशनर्स का दावा है कि कुतुब मीनार की कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद वहां के मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी। वहां 27 मंदिर थे। इस मामले में जिन 3 लोगों ने अर्जी लगाई है, उन्होंने अपने साथ-साथ जैन तीर्थंकर ऋषभदेव और भगवान विष्णु को भी पिटीशनर बनाया है।

पिटीशनर्स की 5 प्रमुख दलीलें1. मुगल शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में कुतुब-मीनार कॉम्प्लेक्स में स्थित मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।। कुतुबुद्दीन ऐबक मंदिरों को पूरी तरह नहीं ढहा पाया, इसलिए इनके कुछ हिस्स तोड़-फोड़कर उन्हीं के मैटेरियल से मस्जिद बना दी गई।2. मौजूदा कॉम्प्लेक्स की दीवारों, खंभों और छत पर देवी-देवताओं के चित्र और धार्मिक चिन्ह बने हुए हैं। इनमें भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष-यक्षिणी, द्वारपाल, पार्श्वनाथ, महावीर, नटराज के चित्र और मंगल कलश, शंख, गदा, श्रीयंत्र, घंटियों और पवित्र कमल के चिन्ह शामिल हैं।3. कॉम्प्लेक्स के 9 इनर और आउटर स्ट्रक्चरल प्राचीन हिंदू और जैन मंदिरों के आर्किटेक्चर के प्रतीक हैं। कॉरिडोर पूरी तरह वैदिक स्टाइल में बना है। इसमें खंभों पर बने पवित्र चिन्हों को दिखाने वाली गैलरीज हैं।4. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के संक्षिप्त इतिहास में भी कुतुब-मीनार में मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाने का जिक्र है।5. यह बात भी अहम है कि विवादित साइट को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व की स्मारक घोषित किया था। अभी ASI इसकी देख-रेख कर रहा है।

पिटीशनर्स की मांगें

केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वो एक ट्रस्ट बनाए। इस ट्रस्ट के एडमिनिस्ट्रेशन की योजना बनाने के बाद मंदिर कॉम्प्लेक्स का मैनेजमेंट ट्रस्ट को सौंप दिया जाए।केंद्र सरकार और ASI को रिपेयरिंग, कंस्ट्रक्शन के काम, पूजा-दर्शनों के इंतजाम करने में दखल देने से रोका जाए।

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