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उद्धव ठाकरे के नाम सोनिया गांधी के खत पर सियासत, शिवसेना बोली- नहीं हो रही दबाव की राजनीति

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Sat, 19 Dec 2020 03:11 PM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
– फोटो : पीटीआई

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर राजनीति गरमा गई है। हालांकि, इस मसले पर अब शिवसेना ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी ने कहा है कि राज्य में दबाव की राजनीति नहीं हो रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार (19 दिसंबर) को कहा है कि सोनिया गांधी के पत्र में ऐसी कोई खास बात नहीं है। दोनों पार्टियों का गठबंधन है और यहां दबाव की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। 

संजय राउत ने कहा कि सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष हैं। महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन महाविकास अगाड़ी के गठन में उनकी और शरद पवार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जब हमने गठबंधन किया तो एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाया था। यह पत्र उस बारे में ही था। 

संजय राउत के मुताबिक, ‘कोरोना वायरस महामारी के कारण साझा न्यूनतम कार्यक्रम के तहत कई कार्य पेंडिंग हो गए। इस महामारी की वजह से कुछ परियोजनाओं से जुड़े काम भी पेंडिंग हैं।’ राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी ऐसा एजेंडा लाती है, जो महाराष्ट्र और राज्य के लोगों के हित में है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। यहां दबाव की कोई राजनीति नहीं है। हम कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं। 

गौरतलब है कि न्यूज एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार (18 दिसंबर) को बताया था कि सोनिया गांधी ने 14 दिसंबर को उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा। इसमें सरकार को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिलाते हुए दलितों और आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ उपाय लागू करने की बात कही गई।

इस पत्र के ध्यान आकर्षित करने की वजह है कि यह अपनी तरह का पहला मामला था, जब कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ वैचारिक रूप से अलग-थलग शिवसेना के साथ गठबंधन किया था और पिछले साल राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर राजनीति गरमा गई है। हालांकि, इस मसले पर अब शिवसेना ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी ने कहा है कि राज्य में दबाव की राजनीति नहीं हो रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार (19 दिसंबर) को कहा है कि सोनिया गांधी के पत्र में ऐसी कोई खास बात नहीं है। दोनों पार्टियों का गठबंधन है और यहां दबाव की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। 

संजय राउत ने कहा कि सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष हैं। महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन महाविकास अगाड़ी के गठन में उनकी और शरद पवार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जब हमने गठबंधन किया तो एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाया था। यह पत्र उस बारे में ही था। 

संजय राउत के मुताबिक, ‘कोरोना वायरस महामारी के कारण साझा न्यूनतम कार्यक्रम के तहत कई कार्य पेंडिंग हो गए। इस महामारी की वजह से कुछ परियोजनाओं से जुड़े काम भी पेंडिंग हैं।’ राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी ऐसा एजेंडा लाती है, जो महाराष्ट्र और राज्य के लोगों के हित में है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। यहां दबाव की कोई राजनीति नहीं है। हम कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं। 

गौरतलब है कि न्यूज एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार (18 दिसंबर) को बताया था कि सोनिया गांधी ने 14 दिसंबर को उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा। इसमें सरकार को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिलाते हुए दलितों और आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ उपाय लागू करने की बात कही गई।

इस पत्र के ध्यान आकर्षित करने की वजह है कि यह अपनी तरह का पहला मामला था, जब कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ वैचारिक रूप से अलग-थलग शिवसेना के साथ गठबंधन किया था और पिछले साल राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई।

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