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ट्रेनी आईएएस अफसरों से बोले पीएम मोदी- टीवी पर दिखना और अखबार में छपने से दूर रहें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गांधीनगर Updated Sat, 31 Oct 2020 12:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – फोटो : Twitter

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खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री ने शनिवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी ली और जवानों को राष्ट्र सेवा की शपथ दिलाई। फिर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में देश ने जिस एकता के साथ इसका मुकाबला किया, ऐसी ही एकता की कल्पना सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी। देश वायरस से उबर भी रहा है और आगे भी बढ़ रह है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को लेकर कहा कि इससे किसी का भला नहीं होगा। उन्होंने सभी देश की सरकारों, पंथों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने को कहा। पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश वीर बेटों के जाने के दुख को कभी नहीं भूल सकता। प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मैंने भद्दी राजनीति सहन की। पाकिस्तान द्वारा सच स्वीकारने को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उससे इन लोगों का असली चेहरा देश के सामने आ गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने केवड़िया में सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित किया। उन्होंने नौकरशाहों से देशहित में फैसले लेने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा की जो भी काम करिए, जिस किसी के लिए भी करिए, अपना समझ कर करिए। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को टीवी पर दिखने और अखबार में छपने जैसे रोगो से दूर रहने की सलाह दी। यहां पढ़ें इससे जुड़े अपडेट्स-

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लाइव अपडेट

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12:19 PM, 31-Oct-2020

सिविल सेवा अधिकारी के लिए जरूरी है देश के सामान्य मानव से जुड़ना

  • ‘दिखास’ और ‘छपास’ ये दो रोगों से दूर रहिएगा। दिखास और छपास यानी, टीवी पर दिखना और अखबार पर छपना। ये दोनों रोग जिसे लगे, वो अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर सकता।
  • जो भी काम करिए, जिस किसी के लिए भी करिए, अपना समझ कर करिए। जब आप अपने विभाग में सामान्य जनों को अपना परिवार समझ कर काम करेंगे, तो आपको कभी थकान नहीं होगी, आप हमेशा नई ऊर्जा से भरे रहेंगे।
  • आज देश जिस मोड में काम कर रहा है, उसमें आप सभी बयूरोक्रैट्स की भूमिका मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस की ही है। आपको ये सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के जीवन में आपका दखल कैसे कम हो, सामान्य मानवी का सशक्तिकरण कैसे हो
  • एक सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप देश के सामान्य मानवी से निरंतर जुड़े रहें। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे, तो लोकतंत्र में काम करना और आसान हो जाएगा। फील्ड में लोगों से कट-ऑफ कभी मत कीजिए।

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