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दुखद: पद्मश्री से सम्मानित महिला पत्रकार फातिमा जकारिया का निधन, कुछ दिन पहले हुआ था कोरोना

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरंगाबाद
Published by: वर्तिका तोलानी
Updated Wed, 07 Apr 2021 05:53 PM IST

फातिमा जकारिया
– फोटो : सोशल मीडिया

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प्रख्यात पत्रकार-लेखक फातिमा आर जकारिया का 85 साल की उम्र में निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ ही दिन पहले फातिमा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उनका उपचार औरंगाबाद, महाराष्ट्र के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। लेकिन मंगलवार को कोरोना संक्रमण की वजह से उनका इंतकाल हो गया। सभी कोरोना नियमों एवं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार बुधवार यानी 7 अप्रैल को सुबह 10 बजे मौलाना आजाद कैम्पस में उनके स्वर्गीय पति डाॅ. रफीक जकारिया की कब्र के समीप किया गया। 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और इस्लामिक विद्वान स्वर्गीय डॉ. रफीक जकारिया की पत्नी फातिमा जकारिया वर्तमान में प्रसिद्ध ताज होटल की पत्रिका ‘ताज’ की संपादक थीं। आईएएनएस से बातचीत में औरंगाबाद एआईएमआईएम सांसद सैयद इम्तियाज जलील बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से फातिमा औरंगाबाद में रहकर प्रतिष्ठित ‘मौलाना आजाद एजुकेशन ट्रस्ट (एमएईटी)’ का काम संभाल रही थीं। 

बता दें एमएईटी की स्थापना प्रमुख कांग्रेसी नेता स्वर्गीय डाॅ. रफीक जकारिया ने 1963 में की थी। फातिमा जकारिया ने अपने दिवंगत पति की विरासत को आगे बढ़ाया और इन शैक्षणिक संस्थानों का काया पलट किया। उन्होंने विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ कोलैबोरेट किया और एमएईटी को पढ़ने के लिए सर्वोत्तम केंद्र बनाया।  

इसके अलावा फातिमा जकारिया ने पूर्व में संडे टाइम्स (मुंबई) और बॉम्बे टाइम्स के संपादक के रूप में भी काम किया था। 1983 में पत्रकारिता में एकता के लिए फातिमा जकारिया को सरोजिनी नायडू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें 2006 में साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।

विस्तार

प्रख्यात पत्रकार-लेखक फातिमा आर जकारिया का 85 साल की उम्र में निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ ही दिन पहले फातिमा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उनका उपचार औरंगाबाद, महाराष्ट्र के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। लेकिन मंगलवार को कोरोना संक्रमण की वजह से उनका इंतकाल हो गया। सभी कोरोना नियमों एवं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार बुधवार यानी 7 अप्रैल को सुबह 10 बजे मौलाना आजाद कैम्पस में उनके स्वर्गीय पति डाॅ. रफीक जकारिया की कब्र के समीप किया गया। 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और इस्लामिक विद्वान स्वर्गीय डॉ. रफीक जकारिया की पत्नी फातिमा जकारिया वर्तमान में प्रसिद्ध ताज होटल की पत्रिका ‘ताज’ की संपादक थीं। आईएएनएस से बातचीत में औरंगाबाद एआईएमआईएम सांसद सैयद इम्तियाज जलील बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से फातिमा औरंगाबाद में रहकर प्रतिष्ठित ‘मौलाना आजाद एजुकेशन ट्रस्ट (एमएईटी)’ का काम संभाल रही थीं। 

बता दें एमएईटी की स्थापना प्रमुख कांग्रेसी नेता स्वर्गीय डाॅ. रफीक जकारिया ने 1963 में की थी। फातिमा जकारिया ने अपने दिवंगत पति की विरासत को आगे बढ़ाया और इन शैक्षणिक संस्थानों का काया पलट किया। उन्होंने विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ कोलैबोरेट किया और एमएईटी को पढ़ने के लिए सर्वोत्तम केंद्र बनाया। 
 

इसके अलावा फातिमा जकारिया ने पूर्व में संडे टाइम्स (मुंबई) और बॉम्बे टाइम्स के संपादक के रूप में भी काम किया था। 1983 में पत्रकारिता में एकता के लिए फातिमा जकारिया को सरोजिनी नायडू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें 2006 में साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।

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