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देश में फरवरी तक कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी, सरकार ने पहली बार माना कि सामुदायिक संक्रमण फैल चुका; लेकिन सिर्फ कुछ राज्यों में

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  • The Corona Epidemic Will End In The Country By February, With The Government Assuming For The First Time That The Community Infection Has Spread; But Only In Some States

नई दिल्ली7 घंटे पहले

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फाइल फोटो

  • चेताया भी- ठंड में दूसरी लहर आने की आशंका

देश में कोरोना का पीक सितंबर में ही आ चुका था और फरवरी 2021 में कोरोना खत्म हो जाएगा। यह दावा रविवार को सरकार द्वारा गठित वैज्ञानिकों की नेशनल सुपरमॉडल समिति ने किया। इस समिति में आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी कानपुर सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं।

दूसरी ओर, महामारी से निपटने के लिए बनी टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने चेतावनी दी कि ठंड में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है, इसलिए अब बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को स्वीकार किया कि देश में सामुदायिक संक्रमण हो चुका है, लेकिन यह सिर्फ कुछ जिलों और कुछ राज्यों तक ही सीमित है।

लेकिन, समिति का मॉडल नहीं बता सका कि दूसरी लहर कब आएगी

एक जून को ‘नेशनल सुपरमॉडल फॉर कोविड-19 प्रोग्रेशन’ नाम का प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। इसमें वैज्ञानिकों को वास्तविक डेटा के आधार पर मैथमेटिकल व स्टेटिस्टिकल मॉडल विकसित कर पूर्वानुमान लगाना था। समिति के सदस्य प्रो. महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि चूंकि अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कोरोना एंटीबॉडी कितने दिनों तक शरीर में रहता है। इसीलिए इस मॉडल से यह अनुमान नहीं लगाया जा सका कि दूसरी या तीसरी लहर कब आएगी। डॉ. माधुरी कानिटकर ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण होने के बावजूद वैक्सीन का महत्व कम नहीं होगा।

महामारी खत्म होते-होते 1.06 करोड़ संक्रमित होंगे

समिति के अध्यक्ष हैदराबाद आईआईटी के प्रो. विद्यासागर ने कहा कि फरवरी में महामारी नगण्य स्तर पर पहुंच जाएगी। तब तक देश में 1.06 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके होंगे। बिहार में चुनावी माहौल और बंगाल में दुर्गापूजा के दौरान मरीज असामान्य रूप से बढ़ सकते हैं। हालांकि, सर्दी खत्म होते ही संक्रमण कम होगा।

लॉकडाउन नहीं लगता तो 25 लाख मौतें हो चुकी हाेतीं

समिति ने लॉकडाउन के कारण मजदूरों के माइग्रेशन के असर का भी विश्लेषण किया। यदि लॉकडाउन न लगता तो जून में पीक आता और उस दिन 1.4 कराेड़ से ज्यादा मामले सामने आते और अगले साल फरवरी तक 2.4 करोड़ लोग संक्रमित हो जाते। पाबंदियां नहीं लगती तो अगस्त तक 25 लाख मौतें हो चुकी हाेतीं।

विशेषज्ञ बोले- प्रदूषण कोरोना का प्रसार करेगा

विशेषज्ञों ने प्रदूषण से कोरोना के तेजी से प्रसार के खतरे के प्रति आगाह किया है। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे वे लोग सबसे ज्यादा जोखिम में हैं, जिन्हें कुछ हफ्तों पहले कोई भी संक्रमण हुआ है। अनलाॅक होने और सर्दियों की आहट के साथ ही दिल्ली-एनसीआर एअर क्वालिटी खराब होने लगी है। इसलिए खतरा बढ़ गया है।

भारत बायोटेक तैयार कर रही नाक से दी जाने वाली वैक्सीन: हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और सेंट लुईस यूनिवर्सिटी के साथ नाक से दी जाने वाली वैक्सीन (नेसल वैक्सीन) कैंडिडेट के ट्रायल के लिए एक समझौता किया है। इसके तहत कंपनी ट्रायल, उत्पादन और कोविड-19 वैक्सीन के लिए बाजार देखेगी।

अखबार से नहीं फैलता कोरोना, इसलिए कल से ही अखबार मंगाएं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- ‘अखबार से कोरोना नहीं फैलता। हर्षवर्धन ने यह बात संडे संवाद में कही। उनसे एक पाठक ने अखबार नहीं पढ़े जाने का दर्द साझा किया था। हर्षवर्धन ने कहा- ‘ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जो साबित कर सके कि अखबार से कोरोना फैलता है।

आपको अखबार के बिना सुबह की चाय बेस्वाद लगती है, तो अपने हॉकर को फोन करें और कल से अखबार मंगाना शुरू करें। संक्रमण खांसने, छींकने आदि से फैलता है, न कि अखबार से।’

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