May 22, 2024 : 1:36 PM
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बसाें में ठूंस-ठूंसकर भर रहे सवारियां, लाॅकडाउन अवधि का पूरा टैक्स माफ फिर भी किराया दाेगुना तक बढ़ाया

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  • Passengers Filling Up In The Settlements, Waived The Entire Tax For The Lockdown Period, Yet The Fare Was Increased To Double

मुरैना2 घंटे पहले

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बिना मास्क व सोशल डिस्टेंस के बस के केबिन में बैठी महिला व बच्चे।

  • निगम अफसरों की मनमानी ने बढ़ाया यात्रियों का दर्द निजी ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने सूत्र सेवा की बसाें काे चलाने की मनाही

बसों का संचालन शुरू होते ही ऑपरेटरों ने मनमानी शुरू कर दी है। लॉकडाउन अवधि का टैक्स माफ करने की प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद भी बस मालिकों ने किराया बढ़ा दिया है। हर रूट पर 25 से 35 प्रतिशत तक किराया बढ़ाया गया है। प्रदेश सरकार ने काेविड की गाइडलाइन के तहत जिन शर्ताें का पालन करने के लिए कहा था, उनका भी पालन नहीं हाे रहा है।

मंगलवार काे मुरैना से चिन्नौनी जाने वाली बस क्रमांक एमपी-06-पी-0761 व मुरैना से ग्वालियर जाने वाली बस क्रमांक एमपी-06-पी-0611 झुंडपुरा-अंबाह रूट पर दोपहर 2.40 बजे मुरैना बस स्टैंड से रवाना हुई। ग्रामीण अंचल के रूट पर दौड़ने वाली 32 सीटर बस में इतनी ही सवारियां बैठी थीं। जैसे ही बस स्टैंड से रवाना हुई जगह-जगह सवारियां खड़ी मिल गई। ड्राइवर ने ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी और सवारियों को बैठाता चला गया।

हालात यह थे कि दोनों साइड की साढ़े तीन फीट चौड़ी सीट पर दो-दो सवारियां एक-दूसरे से सटकर बैठी हुई थीं। सोशल डिस्पेंसिंग तो छोड़िए इक्का-दुक्का सवारियां ही मुंह पर मास्क लगाए थीं और एक-दूसरे ऐसे घुल-मिलकर बातें कर रहे थे, जैसे कोरोना संक्रमण हमारे यहां पूरा खत्म हो गया। मुरैना बस स्टैंड से तीनों बड़े-बड़े रूटों पर दौड़ने वाली बसों में यह नजारे आम हैं।

परिवहन विभाग की चेतावनी के बाद भी बसा ऑपरेटराें ने बढ़ाया किराया

शासन ने बस ऑपरेटरों को पूरी क्षमता यानि जितनी सीटें, उतनी सवारियां बैठाने की अनुमति क्या दी, उन्होंने इसे आमदनी का जरिया बना लिया। दरअसल कोरोनाकाल के 6 महीनों के दौरान बसें बंद होने के बाद ऑपरेटर्स ने बसें रहचालू भी की तो उन्होंने अपने मन से किराया चिंता की बात यह है कि किराया बढ़ाने के बाद भी न बसों को सेनेटाइज किया जा रहा है, न उसमें सोशल डिस्पेंसिंग का पालन किया जा रहा है।
निजी बस ऑपरेटर को अनुमति, अमृत सिटी बसों को परमिट का है इंतजार
शासन से अनुमति की गाइड लाइन मिलते ही प्राइवेट बस स्टैंड से सभी रूटों पर 100 से अधिक बसों का संचालन शुरू हो गया है। लेकिन अमृत सिटी योजना के तहत शासन से अनुबंधित सूत्र सेवा की 2 बसों को निगम परमिट ही जारी नहीं कर रहा। मुरैना-पोरसा रूट पर दौड़ने वाली यह बसें अभी भी पुराना रोडवेज बस स्टैंड प्रांगण में खड़ी धूल खा रही है।

बस ऑपरेटर का दर्द है कि हम निगमायुक्त अमरसत्य गुप्ता के यहां परमिट के लिए आवेदन देने पहुंचे तो उन्होंने कह दिया कि मार्च में आवेदन क्यों नहीं किया। जबकि मार्च में लॉकडाउन के बाद से ही लंबे समय तक दफ्तर बंद रहे। अगर इन बसों के संचालन को हरी झंडी मिल जाए तो शासन स्तर पर इनमें सोशल डिस्पेंसिंग के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी मानदंडों को पूरा किया जा सकता है। जानिए कोविड-19 के नाम पर कितना बढ़ाया किराया

सवारियां ही नहीं तो भीड़ कैसे होगी

  • कोरोना काल के बाद शासन ने हमे 50% सवारियां भरकर चलाने को कहा, लेकिन उसमें तो हमें घाटा होता। हाल ही में 100% सवारियां बैठाने को कहा है। फिर भी 30% बसों का संचालन शुरू हो रहा है। हमारे बस ऑपरेटर तो नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन सवारियां मास्क नहीं लगा रहीं तो हम क्या करें।

हरीसिंह सिकरवार, अध्यक्ष अटल मैत्री सेवा यूनियन

हम आज से बसों की चेकिंग कराएंगे

  • बसों का किराया शासन तय करता है। अगर बस ऑपरेटर्स ने अपने स्तर से किराया बढ़ाया है तो यह गलत है। हां यह बात सही है कि 100% सवारियां बैठाने की अनुमति शासन ने दी है। फिर भी सोशल डिस्पेंसिंग व यात्रियों का मास्क लगाना जरूरी है। हम आज से ही बस स्टैंड सहित विभिन्न रूटों पर दौड़ने वाली बसों की चेकिंग के लिए प्वाइंट लगाएंगे।

अर्चना परिहार, आरटीओ मुरैना

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