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शहर में 200 से अधिक दुर्गा पांडाल लगते थे, लेकिन इस बार महामारी के चलते नहीं लगेगीं झांकिया

मुरैना2 घंटे पहले

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फाइल फोटो

अनलाॅक 4 में धार्मिक व राजनैतिक आयोजन सौ लोगों की उपस्थिति में करने की छूट है। बावजूद इसके शासन या प्रशासन अब तक शारदीय नवरात्र में लगने वाले दुर्गा पांडालों को लेकर कोई गाइड लाइन या आदेश निर्देश जारी नहीं कर सका है। इससे मूर्तिकार परेशान हैं।

मूर्तिकारों के पास लोग नारियल, अगरबत्ती लेकर दुर्गा प्रतिमाओं का आर्डर देने तो आ रहे हैं, लेकिन गाइड लाइन जारी न होने से मूर्तिकार प्रतिमाओं के आर्डर नहीं ले रहे। जिससे दुर्गा झांकियों को लेकर इस बार कुहांसा छाया हुआ है। बड़ोखर क्षेत्र में रहने वाले मूर्तिकार रामभरोसे बताते हैं कि शासन, प्रशासन ने इस संबंध में शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो मूर्तिकारों को लाखों रूपए का कारोबार प्रभावित होगा। यहां बता दें कि 21 सितंबर से अनलॉक 4 की गाइड लाइन लागू हो जाएगी। इसमें 100 लोगों की उपस्थिति के साथ धार्मिक या राजनैतिक आयोजन की अनुमति मिलेगी।

बावजूद इसके लोगों में शारदीय नवरात्र में मनाए जाने वाले दुर्गा उत्सव के लेकर संशय है। खासतौर से मूर्तिकारों में। मूर्तिकारों को डर है कि अगर उन्होंने आर्डर ले लिए और शासन ने अनुमति नहीं दी तो उन्हें काफी नुकसान हो जाएगा।

20 लाख का कारोबार होगा प्रभावित

जिले में दुर्गा उत्सव पर छौंदा, बड़ोखर क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। अनुमान के मुताबिक यहां शारदीय नवरात्रा में 20 लाख रूपए से अधिक का कारोबार होता। क्योंकि शहर में 200 से अधिक स्थानों पर दुर्गा पांडाल सजते हैं, वहीं इससे अधिक विकासखंड मुख्यालयों पर दुर्गा झांकिया लगती हैं। दुर्गा प्रतिमा 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक में तैयार होती है।

यह संशय है मूर्तिकारों में

मूर्तिकार रामभरोसी कहते हैं कि गणेशोत्सव के दौरान शासन ने पांडाल न लगाने के साथ घरों में भी एक फीट से अधिक ऊंची गणेश प्रतिमा स्थापित करने पर रोक लगाई थी। दुर्गा प्रतिमा आमतौर पर 5 से 6 फीट ऊंची बनती है। 5 से 6 फीट ऊंची प्रतिमाएं मूर्तिकारों द्वारा घरों पर ही बनाई जाती है। दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई या पांडाल को लेकर कोई गाइड लाइन न होने के कारण मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमाएं तैयार नहीं कर पा रहे हैं।

इसलिए नहीं ले रहे आर्डर: मुर्तिकार रामभरोसी के मुताबिक शहर के लोग दुर्गा प्रतिमा तैयार के लिए आर्डर के साथ नारियल, अगरबत्ती व प्रसाद के साथ एडवांस में 1100 से 2100 रुपए दे जाते हैं। शेष बचे पैसे मूर्ति उठाते वक्त देते हैं। आर्डर लेने के बाद अगर गाइड लाइन जारी नहीं हुई या ऊंचाई को लेकर कुछ निर्देश आ गए तो लोग आर्डर की मूर्ति नहीं उठाएंगे। जिसका सीधा नुकसान मूर्तिकारों को होगा।

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