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- Women Helpline Service Employees Protest At Eco Park Lucknow Against Yogi Adityanath Government Over Salary Delay
लखनऊ25 मिनट पहले
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लखनऊ में मंत्री स्वाती सिंह के आवास के बाहर धरने पर बैठीं महिलाएं।
- महिला हेल्पलाइन 181 सेवाओं की कर्मियों को जुलाई 2019 से नहीं मिला वेतन
- 17 अगस्त से लखनऊ के इको पार्क में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना
उत्तर प्रदेश की महिलाओं को न्याय दिलाने का काम करने वाली हेल्पलाइन 181 के कर्मियों को 13 माह से वेतन नहीं मिला है। बीते 17 अगस्त से महिलाकर्मी राजधानी लखनऊ के इको पार्क में धरना दे रही हैं। सोमवार को चार महिलाएं गौतमपल्ली स्थित महिला कल्याण मंत्री स्वाती सिंह के आवास पर पहुंच गईं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चारों महिलाएं बकाया वेतन और समायोजन की मांग को लेकर आवास के बाहर धरने पर बैठ गईं। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को आवास से हटाया।
अनिश्चितकालीन धरने पर हैं महिलाएं
181 हेल्पलाइन की 351 महिलाएं इको गार्डन पार्क में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रही हैं। इन कर्मचारियों को जुलाई 2019 से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने सामूहिक रूप से जरूरतमंद पांच लाख से अधिक महिलाओं की मदद की है, जिसके तहत उन्हें काउंसिलिंग देने से लेकर, घरेलू हिंसा से बचाना और जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता के लिए गाइड करना भी शामिल है। राज्य सरकार ने 23 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि हेल्पलाइन की सभी कर्मचारियों के लंबित वेतन को एक सप्ताह के भीतर जारी कर दिया जाएगा। लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।
कर्मचारी दीपशिखा का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार उनकी बातें अनसुनी कर रही है। वह कहती हैं, हम बीते एक साल से अपनी बचत से ये हेल्पलाइन चला रही हैं। हमने ऑफिस का किराया चुकाने से लेकर रेस्क्यू वैन में डीजल भरवाने तक के लिए हमारी बचत के पैसों का इस्तेमाल किया है। महिलाएं लगातार हेल्पलाइन पर कॉल कर रही हैं तो ऐसे में हम क्या कर सकते हैं? हम उन्हें छोड़ नहीं सकते, लेकिन अब हमारे पास इस हेल्पलाइन को चलाने के लिए संसाधन नहीं हैं। हेल्पलाइन में एक टीम लीडर का वेतन 25,000 रुपए मासिक है, जबकि एक टेली काउंसलर को 18,000 रुपए और एक फील्ड काउंसलर को 20,000 रुपए महीने मिलता है।
सीएम योगी से भी मिले लेकिन तब भी नहीं हुई सुनवाई
हेल्पलाइन की एक कर्मचारी पूजा का कहना है कि वह कई महीनों की अपॉइंटमेंट के बाद अपनी दो सहकर्मियों के साथ 17 जुलाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके ऑफिस में मिली थीं और उनके समक्ष अपनी परेशानियों को रखा था। कर्मचारियों ने वेतन का भुगतान न करने पर 20 जुलाई को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी। जिसके बाद से हड़ताल पर हैं। सीएम योगी से मिलने के बाद भी नहीं अभी तक सुनवाई।
पुलिस ने बताया कि, 181 महिला हेल्पलाइन की चार महिलाएं मंत्री स्वाती सिंह से मुलाकात के लिए उनके आवास पर आई थीं। जिन्हें थाना गौतम पल्ली पर ले जाया गया है। प्रभारी निरीक्षक ने मांगों को लिखित में लिया है। मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
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