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फंड जुटाने को लेकर फ्यूचर ग्रुप की बोर्ड मीटिंग शनिवार को, अधिग्रहण पर होगा फैसला; रिलायंस 30 हजार करोड़ में खरीदेगी कंपनी

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  • Reliance Retail Future Group Deal May Get Finalised Tomorrow, Transaction Valued At Rs 29,000 Rs 30,000 Crore

नई दिल्ली20 मिनट पहले

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इस सौदे से मुकेश अंबानी रिटेल सेक्टर में एकतरफा किंग बनकर उभरेंगे। क्योंकि उनकी रिटेल कंपनी पहले से ही इस सेक्टर में है।

  • डील के अनुसार अब रिलायंस चुकाएगी फ्यूचर ग्रुप का 13,000 करोड़ रुपए का कर्ज
  • फ्यूचर ग्रुप पर आरआईएल चेयरमैन मुकेश अंबानी का होगा मालिकाना हक

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस को खरीदने के करीब पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि शनिवार को यह डील फाइनल हो जाएगी। दरअसल, फ्यूचर एंटरप्राइजेज की बोर्ड मीटिंग शनिवार को होने जा रही है। ऐसे में अंबानी और किशोर बियानी के बीच रिटेल कारोबार की डील कल फाइनल हो सकती है। बता दें कि आधिकारिक तौर पर दोनों कंपनियों ने अभी इस डील से जुड़ी जानकारी नहीं दी है।

अंबानी की कंपनी चुकाएगी फ्यूचर का कर्ज

यह डील 29,000 से 30,000 करोड़ रुपए में हो सकती है। यह पूरा सौदा कैश में होगा। खबर है कि इस डील के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर ग्रुप के 13,000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाएगी। इसके साथ ही 7,000 करोड़ रुपए की दूसरी देनदारी भी चुकाएगी। हालांकि, फ्यूचर ग्रुप अधिग्रहण होने के बाद भी अपने बचे हुए कारोबार को जारी रखेगी।

फ्यूचर रिटेल के शेयरों में भारी उछाल

रिलायंस द्वारा फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की खबर के बाद फ्यूचर रिटेल के शेयरों में भारी उछाल आया है। शुक्रवार को कंपनी के शेयर 6% तक की छलांग लगाकर 138.40 रुपए के भाव तक पहुंच गए। वहीं, फ्यूचर कंज्यूमर और फ्चूयर एटरप्राइजेज के शेयर में 5% की बढ़त दिखी।

रिटेल सेक्टर में एकतरफा किंग बनकर उभरेंगे अंबानी

इस सौदे से मुकेश अंबानी रिटेल सेक्टर में एकतरफा किंग बनकर उभरेंगे। क्योंकि उनकी रिटेल कंपनी पहले से ही इस सेक्टर में है। रिलायंस रिटेल स्टोर्स का दायरा 18,000 तक बढ़ सकता है। यह कंपनी के रेवेन्यू में 26,000 करोड़ रुपए जोड़ने में मदद करेगा। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास भारतीय रिटेल बाजार की एक-तिहाई हिस्सेदारी आ जाएगी।

इन कंपनियों का हो सकता है विलय

डील के तहत फ्यूचर ग्रुप अपनी ग्रॉसरी, कपड़े, सप्लाई चेन और कंज्यूमर बिजनेस से जुड़ी पांच सूचीबद्ध कंपनियों का विलय पहले फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (FEL) में करेगी। इसके बाद FEL अपने रिटेल एसेट को दो हिस्सों में बांटेगी और उन्हें एक यूनिट के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेच देगी।

बिग बाजार, ब्रांड फैक्ट्री पर अंबानी का मालिकाना हक

डील के हिस्से के रूप में फ्यूचर ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों जैसे कि बिग बाजार, फूडहॉल, नीलगिरी, एफबीबी, सेंट्रल, हेरिटेज फूड्स और ब्रांड फैक्ट्री से फैशन और ग्रॉसरी रिटेल फॉर्मेट, परिधान ब्रांड ली कूपर और ऑल-बैरिंग आरआईएल का हिस्सा हो जाएंगी। फ्यूचर रिटेल के देश भर में 1700 स्टोर हैं।

कैश की कमी से जूझ रहा फ्यूचर ग्रुप

बिग बाजार का सबसे सस्ता, सबसे अच्छा टैगलाइन ने उसे नई पहचान दिलाई। इससे उनके फ्यूचर ग्रुप का टर्नओवर 9,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया और 2017 में भारत के 100 अमीरों की लिस्ट में बियानी भी शामिल हुए। हालांकि वक्त के साथ सबकुछ बदलता चला गया और 2019 की समाप्त तिमाही में फ्यूचर रिटेल के प्रॉफिट में 15 फीसदी की गिरावट आई थी, वहीं रेवेन्यू में 3 फीसदी की कमी देखी गई थी। कोरोना संकट से बियानी के कारोबार को और ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि लगातार कर्ज में इजाफा के कारण रेटिंग एजेंसी ICRA ने मार्च में बियानी की कंपनी को निगेटिव रेटिंग दी थी। इस समय फ्यूचर ग्रुप कैश की कमी से जूझ रहा है। पिछले सप्ताह 50 करोड़ डॉलर की फॉरेन करेंसी बॉन्ड में 100 करोड़ का डिफॉल्ट किया था।

बियानी की होल्डिंग कंपनी लोन का पेमेंट करने में डिफॉल्ट हो गई थी

इस सौदे पर बातचीत इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी। क्योंकि बियानी की होल्डिंग कंपनी लोन का पेमेंट करने में डिफॉल्ट कर गई थी। इससे पहले भारत के रिटेल सेक्टर के पोस्टर ब्वॉय के नाम से मशहूर बियानी ने कई अन्य संभावित निवेशकों के साथ भी चर्चाएं की हैं। अमेरिका स्थित रिटेल कंपनी अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों ने भी फ्यूचर ग्रुप में दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन आरआईएल के साथ एक डील ने बियानी के कर्ज के मुद्दों का पूरी तरह से समाधान कर दिया है।

1980 के दशक का है बियानी का यह कारोबार

फ्यूचर रिटेल ग्रुप 1980 के दशक के आखिरी वर्षों से ही रिटेल बिजनेस में सक्रिय है। उस दौरान ही ग्रुप ने संगठित रिटेल बिजनेस खड़ा किया।1991 में ही इसके प्रमुख किशोर बियानी ने अपनी कंपनी का नाम पेंटालून फैशन लिमिटेड कर दिया। 2001 में कंपनी ने पूरे देश में बिग बाजार स्टोर खोले।

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