दैनिक भास्कर
Jul 07, 2020, 09:44 AM IST
नई दिल्ली. तमिलनाडु के राजागोपालस्वामी मंदिर में रहने वाला हाथी सेनगामलम अपनी हेयर स्टाइल की वजह से चर्चा में है। आईएफएस अफसर सुधा रमन ने हाथी का फोटो ट्वीट किया। लोगों ने इसे खूब पसंद किया। महावत राजगोपाल का कहना है कि हाथी मेरे बच्चे जैसा है। मैं उसे नया लुक देना चाहता था, इसलिए दिन में 3 बार उसके बालों की सफाई करता हूं। सेनगामलम को नहलाने के लिए 45 हजार रुपए का शॉवर लगाया गया है। राजगोपाल के मुताबिक, सेनगामलम को केरल से 2003 में राजागोपालस्वामी मंदिर लाया गया था।
आतिशबाजी के बीच पूरे लाव-लश्कर के साथ निकले महाकाल
उज्जैन में साेमवार काे महाकाल की पहली सवारी लाव-लश्कर के साथ निकली। कोरोना संक्रमण के चलते सवारी में श्रद्धालुओं के शामिल हाेने पर राेक थी। भक्तों को जहां से भी सवारी के दर्शन का मौका मिला, उन्होंने नहीं छोड़ा। श्रद्धालुओं ने घरों की बालकनियाें और छत पर खड़े होकर दर्शन किए। सवारी का रास्ता बदलने के कारण पहली बार सवारी शक्तिपीठ हरसिद्धि के द्वार से निकली। प्रशासन ने हरसिद्धि की ओर जाने वाले मार्ग पर लाल कारपेट बिछाया, रंगोलियां बनाईं और आतिशबाजी की।
मंदिर के पट पर लोगों ने चढ़ावा चढ़ाया
फोटो राजस्थान के सिरोही के आराध्य देव सारणेश्वर महादेव मंदिर की है। कोरोनाकाल में लॉकडाउन के चलते मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। अभी तक मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं मिली। सोमवार को सावन का पहला सोमवार था। इसके लिए सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्त आना शुरू हो गए थे। हालांकि इस दौरान मंदिर के पट बंद थे, भक्तों ने पट पर ही भगवान सारणेश्वर जी की पूजा अर्चना की। मंदिर के पट पर ही लोगों ने चढ़ावा चढ़ाया।
50 साल में पहली बार, गर्भगृह तक नहीं पहुंच सके भक्त
फोटो छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के राजिम की है। यहां कुलेश्वर महादेव के सुप्रसिद्ध मंदिर में सावन के पहला सोमवार को नदी में बाढ़ की वजह से शिवभक्तों को मंदिर तक पहुंचने में तकलीफ हुई। भक्त किसी तरह मंदिर तो पहुंच गए मगर गर्भगृह में इस बार जाने की अनुमति उन्हें नहीं मिल पाई। थोड़ी दूर से ही हाथ जोड़कर भोलेनाथ से विनती कर उन्हें संतोष करना पड़ा, क्योंकि कोरोना काल में पुलिस का सख्त पहरा था। पुजारी राजेन्द्र मनु ने बताया कि लगभग 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ कि भक्त गर्भगृह तक नहीं पहुंच सके।
एक महीने से खराब है पंप की मोटर
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ ब्लॉक मुख्यालय से 22 किमी दूर गोमर्डा अभयारण्य के जवाहर नगर के ग्रामीण बारिश के मौसम में भी नाले के पानी से गुजारा करने को मजबूर हैं। गांव में एक हैंडपंप है, जिसमें लगे पंप से गांव में पानी की सप्लाई होती थी। पर पिछले एक माह से मोटर के खराब होने से ग्रामीण नाले का पानी पी रहे हैं।
सौराष्ट्र दूसरे दिन भी तर
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में भारी बारिश होने से रावल नदी में बाढ़ आ गई। पोरबंदर से आए बाराती भी फंस गए। कुछ ने जान खतरे में डालकर नदी पार की। बारिश से सौराष्ट्र क्षेत्र के कई जिलों में जलजमाव हुआ। राजकोट का क्रिकेट स्टेडियम भी बरसाती पानी से तरबतर हो गया।
नागौर में 6 साल बाद सावन के पहले दिन बारिश
राजस्थान के नागौर में मानसून सावन से पहले ही झूमकर बरस रहा है। ऐसा पिछले छह साल में पहली बार हुआ है। यही नहीं, सावन के पहले ही दिन इतनी तेज बारिश भी छह साल में पहली बार हुई है। रविवार रात्रि 12 बजे बाद जैसे ही सावन मास लगा, बारिश शुरू हुई हो गई। मूंडवा में 70.5, खींवसर में 59 और नागौर में 45 मिमी पानी बरसा। 3 तहसीलों में एक ही दिन में औसत 51 मिमी बारिश हुई। जिले में 1 जुलाई से अब तक 82.5 एमएम औसत बारिश हुई है जो 6 जुलाई के औसत से 20 एमएम ज्यादा है। फोटो पास के सिणोद गांव का है।