तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर एक बयान दिया है, जिसे लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है
उनके बयान पर सोशल मीडिया पर बंटा हुआ नजर आ रहा है. एक तरफ़ उनकी आलोचना हो रही है तो दूसरी तरफ उनके समर्थन में कई राजनेता और एक्स यूज़र्स पोस्ट कर रहे हैं.
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने ‘सनातन धर्म को मिटाने’ के मुद्दे को लेकर हो रहे एक सम्मेलन में कहा ‘सनातन धर्म मलेरिया, डेंगू की तरह है जिसे मिटाना ज़रूरी है.’
उदयनिधि प्रदेश के युवा मामलों और खेल मंत्री के साथ-साथ फ़िल्म लेखक, निर्देशक और अभिनेता भी हैं. उन्होंने कहा, “ऐसी कुछ चीज़ें होती हैं जिनका विरोध करना काफ़ी नहीं होता, हमें उन्हें समूल मिटाना होगा. मच्छर, डेंगू बुख़ार, मलेरिया, कोरोना ये ऐसी चीज़ें हैं जिनका हम केवल विरोध नहीं कर सकते हमें इन्हें मिटाना होगा. सनातन भी ऐसा ही है.”
हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, “मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वालों के नरसंहार की अपील नहीं की. सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटता है. सनातन धर्म को जड़ से उखाड़ना मानवता और समानता को कायम रखना है.”
बीजेपी नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के ख़िलाफ़ न सिर्फ बेशर्मी भरी टिप्पणी की बल्कि उसे फिर से दोहराने का काम भी किया है.
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी दो दिन से क्यों खामोश हैं? राहुल जी कहते हैं कि मैं हिंदू हूं और गोत्र की बात करते हैं. मंदिर-मंदिर घूमते हैं, जल चढ़ाते हैं. हम जो कहते थे कि ये पाखंड करते हैं वोट के लिए, वो साबित हो रहा है. नीतीश कुमार क्यों शांत हैं? बहुत दावा कर रहे थे कि मैंने मुंबई में सबको एक कर दिया.”
सुशील मोदी ने कहा, “ये तो देशद्रोह का मामला बनता है. देश के करोड़ों लोगों की भावना को आप आघात पहुंचाने का काम कर रहे हैं और डीएमके का तो पूरा इतिहास ऐसा रहा है. यह राजनीति करके ही वो यहां तक पहुंचे हैं.”
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए कि वे इस बयान के साथ हैं या नहीं. अगर ग़लत है तो उन्हें खुलेआम इसका विरोध करना चाहिए. कांग्रेस के बड़े नेताओं की चुप्पी बता रही है कि वे इसके साथ हैं.