- मार्च में भी सेबी ने लिस्टेड कंपनियों को दो बोर्ड मीटिंग के बीच अधिकतम समय के मामले में ढील दी थी
- सेबी के नियम के तहत लिस्टेड कंपनियों की 2 बोर्ड मीटिंग के बीच 120 दिनों से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता
दैनिक भास्कर
Jun 26, 2020, 07:58 PM IST
नई दिल्ली. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को लिस्टेड कंपनियों के लिए दो बोर्ड बैठक के बीच की अवधि से जुड़े नियमों के पालन में 31 जुलाई तक के लिए ढील दे दी। यह ढील कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए दी गई है। नियम यह है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) या ऑडिट कमेटी को साल में कम से कम चार बार बैठक करना होता है। दो बैठक के बीच 120 दिनों से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए।
लिस्टेड कंपनियों को साल में 4 बार करनी होती है बोर्ड मीटिंग
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि दो बोर्ड/ऑडिट कमेटी बैठकों के बीच अधिकतम टाइम गैप से जुड़े नियमों में ढील को और बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 तक किया जाता है। हालांकि लिस्टेड कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स आौर ऑडिट कमेटी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक साल में कम से कम 4 बैठकें कर लें। बाजार में लिस्टेड कंपनियों ने सेबी से लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (एलओडीआर) नियमों में ढील दिए जाने का अनुरोध किया था। इससे पहले मार्च में भी सेबी ने 120 दिनों की अधिकतम समय सीमा से जुड़े नियम में ढील दी थी।
सेबी की ढील तत्काल प्रभाव से लागू
सेबी ने यह ढील एक दिसंबर 2019 और 30 जून 2020 के बीच हुई या प्रस्तावित बैठकों के लिए दी है। सेबी ने कहा कि उसका सर्कुलेशन तत्काल प्रभाव से लागू है। बुधवार को सेबी ने लिस्टेड कंपनियों को पिछले साल और पिछले साल की चौथी तिमाही के तिमाही नतीजे जारी करने की अंतिम समय सीमा को एक महीने और बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया था।