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मेडिटेशन के जरिए डिप्रेशन, दर्द, घबराहट, नींद नहीं लगने से पा सकते हैं निजात, एक्सपर्ट्स की सलाह-ध्यान के लिए घर में शांत जगह चुनें, धीरे-धीरे शुरुआत करें

  • अगर आप किसी भी तरह की मानसिक बीमारी या मेंटल डिसॉर्डर से जूझ रहे हैं तो एक्सपर्ट्स की सलाह लें
  • मेडिटेशन करने का कोई एक तरीका नहीं है, शरीर को जिस पोजीशन में सुकून और शांति मिले वो बेहतर

दैनिक भास्कर

Jun 26, 2020, 01:42 PM IST

अमीलिया नियेरनबर्ग. ध्यान लगाने या मेडिटेशन करने के बहुत सारे फायदे हैं, इसे प्रक्रिया काे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। दरअसल, लगातार एक जगह स्थिर रहने या बैठे रहने पर आपका हार्ट रेट कम हो जाता है और कॉर्टिसोल रेट भी कम हो जाता है। इसलिए ध्यान लगाने की आदत आपको डिप्रेशन, दर्द, घबराहट और नींद की परेशानियों से निजात दिला सकती है। यह दिमाग के लिए स्ट्रेचिंग का काम भी करता है।

ध्यान कैसे लगाते हैं? इसकी शुरुआत कैसी करनी है? क्या फर्श पर बैठना चाहिए? क्या ऐप की मदद लेनी चाहिए? कोई मंत्र का जाप करना चाहिए? मेडिटेशन टीचर्स और साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि ध्यान लगाने का हर किसी का अपना तरीका हो सकता है, जो आपको सही लगे उसे अप्लाई करना चाहिए।

ध्यान लगाने का कोई तरीका नहीं होता है

  • जब आप ध्यान लगाने के बारे में सोचते हैं तो दिमाग में क्या आता है? एक कमल का पोज, योगा मैट, खूबसूरत कमरा? अगर आपको प्रैक्टिस करने में यह कंफर्टेबल लगता है तो बहुत अच्छा है। वहीं कुछ लोग सीधे लेटने, कुर्सी पर बैठना पसंद करते हैं। इसका मकसद होता है ऐसा पोज खोजना जहां आपका शरीर शांति और मजबूत महसूस करता है।
  • कलाकार टोनी ब्लैकमैन अपने दिमाग और ऊर्जा को शिफ्ट करने के लिए हिप-हॉप म्यूजिक को मिक्स करती हैं। टोनी पहले म्यूजिक के साथ ध्यान लगाने में संकोच करती थीं। वह कहती हैं कि यह कलंक है। बिना प्रार्थना शब्द के ध्यान शब्द का उपयोग करना कमजोर लग सकता है। लेकिन अपने दोस्तों के साथ बातचीत के बाद टोनी ने खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड कर इसके साथ मेडिटेशन क्लास चलाने का फैसला किया। 

मेडिटेशन के लिए जरूरी है प्रैक्टिस

  • न्यूयॉर्क सिटी में मेडिटेशन स्टूडियो के सीईओ एली बरोस ग्लक कहते हैं कि जब लोग शुरुआत करते हैं तो यह सभी के लिए मुश्किल होता है। जैसा कि आप जिम या म्यूजिक क्लास के पहले सेशन के बाद आप न तो 10 पाउंड वजन कम कर सकते और न ही मोजार्ट बजा सकते। 
  • वक्त और जगह तय कर अपने लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करें। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के लजार लैब मेडिटेशन रिसर्च की डायरेक्टर सारा लजार के मुताबिक, 10 और 5 मिनट बेहतर हैं। अगर आपको कोई मानसिक बीमारी है या आप बुरे वक्त से गुजर रहे हैं तो थोड़ा अलर्ट रहें। 
  • डॉक्टर लजार के अनुसार, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर, स्कित्जेफ्रीनिया या बायपोलर डिसॉर्डर से जूझ रहे हैं तो आपको मेडिटेशन गाइड या टीचर के साथ मिलकर काम करना चाहिए। 

अपनी जगह तैयार करें

  • आपके घर के कोने में केवल मेडिटेशन के लिए एरिया तैयार करें। अगर आपको लगे तो यहां पौधे, पत्थर या मोमबत्तियां लगाएं। अगर नहीं तो घर में केवल शांत जगह चुनें। 
  • यूसीएलए के माइंडफुल अवेयरनेस रिसर्च सेंटर में माइंडफुलनेस एजुकेशन की डायरेक्टर डायना विंस्टन कहती हैं कि मुझे नहीं लगता लोगों को कुछ भी फैंसी करना चाहिए। योगा और मेडिटेशन टीचर टोनी लूपिनाची के मुताबिक, एक अलग जगह होना बहुत जरूरी है। यह आपका बिस्तर नहीं है और न ही काउच।

किसी ऐप की मदद लें

  • यह थोड़ा अजीब लग सकता है, क्योंकि अधिकतर मौकों पर फोन शांति के दुश्मन होते हैं। कुछ शुरुआती सेशन किसी गाइडेंस के साथ करने से आपको मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि ध्यान लगाने का मतलब एक जगह पर कुछ देर के लिए स्थिर बैठना नहीं है। यह हजारों सालों के इतिहास और ट्रेनिंग के साथ बड़ी फिलॉस्फी का हिस्सा है। 

खुद को जाने दें

  • यह आप अपने लिए कर रहे हैं, ताकि आप खुद में और दुनिया में ज्यादा स्थिर रह सकें। इसलिए उस दिन की प्रैक्टिस में खुद को डुबो दें। अगर आप ऐप की मदद नहीं लेना चाहते तो अपनी सोच की मदद ले सकते हैं। सोचें की आप कहीं सुंदर जगह पर हैं और शांत हैं। अपनी शरीर पर ध्यान दें और खुद को सुनें।
  • मेडिटेशन स्पेश्लिस्ट क्रिस टॉलसन चेतावनी देते हैं कि पहले सेशन के बाद ही बहुत ज्यादा उम्मीद न कर लें। हर दिन अलग होने वाला है, क्योंकि आप उस दिन कई अलग-अलग चीजों से गुजरे हो। यह दिमाग खाली करने को लेकर नहीं है, क्योंकि ऐसा संभव नहीं है।
  • क्रिस के मुताबिक, हमारा दिमाग खाली नहीं हो सकता। हम हमारे दिमाग में आने वाली चीजों को कंट्रोल नहीं कर सकते।हम जो कंट्रोल कर सकते हैं वो है कि हम इससे निपटेंगे। 
  • क्रिस विचारों और भावनाओं को बादल की तरह समझने की सलाह देते हैं। जब आप ध्यान लगाते हैं तो यह सोचें की आप आसमान को देख रहे हैं। कभी बादल चमक रहे होंगे तो कभी काले होंगे। इन्हें महसूस करें, अपने पैरों के नीचे की घास को महसूस करें और दुनिया को जाते हुए देखें। 

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