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कोविड-19 के कारण ज्वैलरी सेक्टर में इस साल रिकवरी के आसार नहीं, भारत-चीन सीमा विवाद से और बढ़ेगा संकट

  • लॉकडाउन के कारण 82.31 फीसदी गिरा जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यात
  • भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी उत्पादों का चीन बड़ा खरीदार
  • रिकवरी में लग सकता है एक साल से ज्यादा का समय: शाह

दैनिक भास्कर

Jun 23, 2020, 04:47 PM IST

नई दिल्ली. कोरोनावायरस संक्रमण के कारण पूरी दुनिया में मंदी का माहौल बना हुआ है। इससे निपटने के लिए सरकार और इंडस्ट्री की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने कहा है कि कोविड-19 के कारण ज्वैलरी इंडस्ट्री में चालू वित्त वर्ष में रिकवरी के आसार नहीं दिख रहे हैं।

वैश्विक भू-राजनीतिक संकट से भी बढ़ेगा संकट

जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह का कहना है कि वैश्विक स्तर पर उभरे भू-राजनीतिक संकट के कारण भी ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए समस्या बढ़ रही है। शाह ने कहा कि हाल ही में लद्दाख में भारत-चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के बाद चीन ने बांग्लादेशी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ में छूट बढ़ा दी है। इससे ज्वैलरी निर्यातकों के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई है। शाह के मुताबिक, इन सब कारणों से इस सेक्टर में सुधार में 1 साल तक का समय लग सकता है। 

चीन के कदम का किया जाएगा परीक्षण

बांग्लादेशी उत्पादों पर चीन की ओर से टैरिफ लाभ दिए जाने के सवाल पर शाह ने कहा कि वे इस कदम का भविष्य में भारत पर पड़ने वाले असर का परीक्षण करेंगे। शाह ने कहा कि चीन और हॉन्गकॉन्ग के जेम्स एंड ज्वैलरी आयात में एक तिहाई हिस्सेदारी भारत की है। वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का कुल जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यात 8.91 फीसदी गिरकर 2.51 लाख करोड़ रुपए रहा है। शाह के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण अप्रैल और मई में जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यात में करीब 82.31 फीसदी की गिरावट आई है। 

क्रेडिट सुविधा से तेज रिकवरी की उम्मीद

शाह के मुताबिक, कट एंड पोलिश्ड डायमंड (सीपीडी) निर्यात में 77.42 फीसदी की गिरावट रही है। भारतीय बाजारों से कुल सीपीडी निर्यात में से 15 फीसदी निर्यात अकेले चीन को किया जाता है। हालांकि, अभी तक इस निर्यात पर सीमा विवाद का असर नहीं पड़ा है। शाह का कहना है कि यदि क्रेडिट सुविधा और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार किया जाए तो जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में तेजी से रिकवरी होगी।

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