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बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए रिश्वत नहीं मोटिवेशन दें, एक्सपर्ट्स की सलाह- ज्यादा जानकारी से बच्चे घबरा सकते हैं, इसलिए 5 बातों का ध्यान रखें

  • बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग की अहमियत कहानियों के जरिए समझाएं, इससे वे जल्दी सीख पाएंगे
  • बच्चों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को एक खेल बना दें, बच्चे मजेदार चीजों को जल्दी अपनाते हैं

दैनिक भास्कर

Jun 19, 2020, 12:19 PM IST

एलेक्स विलियम्स. इंसान से इंसान में फैलने वाले कोरोनावायरस से बचने का सबसे बेहतर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग माना जा रहा है। इसके बावजूद हमेशा सोशल रहने वाले इंसानों के लिए लोगों से 6 फीट की दूरी बनाकर रखना मुश्किल हो रहा है। बड़ी उम्र के लोग भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं, लेकिन बच्चों के मामले में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चुनौती बन रहा है।

पांच सलाह जो आपके बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति गंभीर बना सकती हैं-

  • ईमानदार रहें और सिर्फ मुद्दे की बात करें

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट जैक्लीन स्पर्लिंग के मुताबिक, बच्चों के पास अपनी चमकदार कल्पनाएं होती हैं और उन्हें अंधेरे में रखने के कारण वे भयानक हालात के बारे में सोच लेंगे। ज्यादा विस्तार से बताना उनकी घबराहट को बढ़ा सकता है। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, बच्चों को यह बताएं कि कोविड 19 नया वायरस है जो बहुत सारे लोगों को बीमार कर रहा है, लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं कि ज्यादातर लोग ठीक हो जाएंगे। खासकर बच्चे।

  • कहानी सुनाएं

कहानियां बच्चों का ध्यान खींचती हैं और मुश्किल चीजों को भी आसानी से समझने में मदद करती हैं। आप संयुक्त राष्ट्र और दूसरी एजेंसियों की बनाई हुई फ्री चिल्ड्रन बुक डाउनलोड कर सकते हैं। इस बुक में सारा नाम की एक लड़की है, जो पंखों वाले जीव एरियो के साथ घूमकर दूसरे बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड 19 के बारे में जानकारी देती है।

  • इसे एक खेल बनाएं

अगर बच्चों को यह मजेदार लगने लगेगा तो वे सोशल डिस्टेंसिंग करने लगेंगे। इसी सोच को लेकर एक ब्रिटिश साइकोलॉजी प्रोफेसर ने एक वीडियो गेम “केन यू सेव द वर्ल्ड?” डिजाइन किया है। इस गेम में बच्चे को सड़कों पर लोगों से बचकर और मास्क कलेक्ट करते हुए भागना होता है।

  • मजेदार मास्क तैयार करें

सीडीसी दो साल से ऊपर के बच्चों को पब्लिक प्लेस में मास्क पहनने की सलाह देती है, लेकिन उनके चेहरे पर मास्क बनाए रखना भी चुनौती है। अच्छे दिखने वाले मास्क खरीदें या यूट्यूब से देखकर तैयार कर लें।

  • मोटिवेट करें, लालच न दें

बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ईनाम देने की बहस अंतहीन है, लेकिन पैरेंट्स हमेशा बात मानने पर बिजनेस करते हैं। यहां तक की सीडीसी भी अच्छे व्यवहार पर ईनाम देने की बात करती है। पैरेंटिंग कॉलमिस्ट और चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक, छोटे बच्चों को थोड़े पैसे देना मददगार हो सकता है। अगर आप कोशिश से पहले ही ईनाम दे देंगे तो यह रिश्वत होगी, लेकिन बाद में यह मजबूती बढ़ाएगी।

  • आसान अनुशासन

किसी को भी धमकियां नहीं पसंद होती हैं। चाइल्ड एक्सपर्ट्स के मुताबिक, धमकियां मोटिवेशन को नुकसान पहुंचाती हैं और पैरेंट्स और बच्चों को रिश्ते को कमजोर करती हैं। इसके बाद भी आप नियम न माने जाने पर इनकी मदद ले सकते हैं। साइकोलॉजिस्ट के अनुसार, बच्चों को पहले ही परिणामों के बारे में बता दें।

  • उन्हें गहराई से समझाएं

बच्चों के लिए अपनी ही फ्रस्ट्रेशन से घिर जाना आसान है। अपनी परेशानियों से उनके फोकस को दूसरो की जरूरतों पर शिफ्ट करें। साइकोलॉजिस्ट पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ सहानुभूति और उनकी चिंता का दायरा बढ़ाने की सलाह देते हैं। बच्चों को यह बताएं कि दोस्तों से दूरी रखना एक एहसान है। जिसके जरिए आप उन्हें और उनके परिवार को स्वस्थ्य रख सकोगे। इसका मकसद है बच्चों को उनके बलिदान के बारे में गहराई से बताना।

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