- एसआईपी में 500 रुपए महीने का निवेश किया जा सकता है, इसमें रिटेल निवेशक ज्यादा हैं
- मई 2020 के अंत तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में कुल 3.2 करोड़ एसआईपी खाते थे
दैनिक भास्कर
Jun 19, 2020, 08:30 AM IST
मुंबई. लॉकडाउन से लोगों की कमाई पर होने वाला असर अब म्यूचुअल फंड की एसआईपी पर भी दिख रहा है। मई में एसआईपी के जरिए आनेवाली राशि में जहां भारी गिरावट दिखी है, वहीं इसी महीने में 6.5 लाख एसआईपी खाते निवेशकों ने बंद कर दिए। म्यूचुअल फंड में एसआईपी मुख्य रूप से रिटेल निवेशक करते हैं। ये निवेशक 500 से 1000 रुपए मासिक निवेश करते हैं।
बंद और नई एसआईपी का रेशियो 81 प्रतिशत पर पहुंचा
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एंफी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। फंड हाउसों का मानना है कि बचत में हो रही कमी और नौकरी खोने के डर से सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (एसआईपी) के जरिए आने वाला कैश फ्लो प्रभावित होने लगा है। आंकड़ों के मुताबिक, बंद किए गए एसआईपी और नए एसआईपी का रेशियो (discontinuance ratio) मई 2020 में 81 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर आ गया। दिसंबर 2019 में यह 61 प्रतिशत था। इसका 50 महीने का औसत 49 प्रतिशत रहा है।
मई में 6.5 लाख बंद होने के बाद 8 लाख नए एसआईपी खाते खुले
मई में 6.5 लाख एसआईपी बंद कर दिए गए थे, जो अब तक सबसे ज्यादा हैं। हालांकि 8.1 लाख नए एसआईपी रजिस्टर्ड भी हुए हैं। एक फंड मैनेजर के मुताबिक एसआईपी को कठिन आर्थिक स्थितियों के दौरान या तो रद्द किया जा सकता है या टाला जा सकता है।कुल एसआईपी बुक मई में गिरकर 8,123 करोड़ रुपए हो गई, जो 11 महीनों में सबसे कम है। यह लगातार दूसरा महीना है, जब इसमें 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।
एसआईपी रिन्यूअल की चाल रही धीमी
आईसीआईसीआई प्रू एएमसी में रिटेल और इंस्टीट्यूशनल सेल्स के हेड अमर शाह के मुताबिक, इक्विटीज में हालिया तेज गिरावट के कारण एसआईपी को बंद करने में तेजी आई है। एसआईपी रिन्यूअल भी धीमी गति से बढ़ी क्योंकि निवेशक अब किसी भी आर्थिक कठिनाई के मद्देनजर हाथ में कैश रखने चाहते हैं। उनके अनुसार, म्यूचुअल फंड की ऑफिस को लॉकडाउन की वजह से बंद किया गया और इस कारण भी एसआईपी के नए रजिस्ट्रेशन में कमी आई।
लॉर्ज कैप का एसआईपी रिटर्न कम हुआ
लॉर्ज कैप फंड्स का औसत एसआईपी रिटर्न क्रमशः एक साल और तीन साल की अवधि के लिए 15 प्रतिशत और 4.8 प्रतिशत तक गिर गया। पांच साल का एसआईपी रिटर्न महज 0.8 प्रतिशत रहा है। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक इक्विटी फंड्स का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) चार साल में करीब दोगुना होकर मई 2020 में 10 लाख करोड़ रुपए हो गया है। चार साल में कुल एसआईपी एयूएम सालाना 21 प्रतिशत बढ़कर मई में 2.8 लाख करोड़ रुपए हो गया।
एसआईपी खातों में चार साल में 32 प्रतिशत की वृद्धि
पिछले चार साल में कुल एसआईपी खातों में सालाना 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मई 2020 के अंत में 3.2 करोड़ हो गया। हालांकि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को उम्मीद है कि आगामी महीनों में नए एसआईपी में सुधार होगा। शाह ने कहा कि एसआईपी बुक में 10 प्रतिशत का उतार-चढ़ाव चिंता का मामला नहीं है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर गिरती ब्याज दर को देखते हुए एसआईपी लांग टर्म में एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है।