- काली मिर्च और मसालों के लिए ही भारत आया था वास्को डि गामा
- मध्यकाल में काली मिर्च को धन के रूप में भी किया जाता था इस्तेमाल
दैनिक भास्कर
Feb 15, 2020, 07:22 PM IST
लाइफस्टाइल डेस्क. भारत देश हमेशा से ही अपने मसालों के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय रहा है। इन्हीं मसालों के बीच काली मिर्च भी भारत की ही देन है। इस मसाले को उगने के लिए भारत में अनुकूल वातावरण मिला। ये वही मसाला है जिसे पुर्तगाल से आए वास्के डि गामा अपने साथ वापस ले गए थे। काली मिर्च का अंदाज़ा होते ही कई सारे विदेशी व्यापारियों ने इसे हासिल करने के लिए भारत आना शुरू कर दिया था। कई देशों में पहुंचने के बावजूद दुनिया की सबसे बेहतरीन काली मिर्च भारत में ही उगती है। आइए जानते हैं काली मिर्च का सुनहरा इतिहास…
क्या समुंद्र की देन है काली मिर्च
छोटी सी दिखने वाली काली मिर्च किचन में और भारत के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत के कुछ पूर्वज इसके बीज को अपने साथ यहां तक लेकर आए थे। वहीं दूसरी ओर कई लोग मानते हैं कि काली मिर्च के बीज समुंद्र से बहते हुए भारतीय तट पर आ पहुंचे थे। भारत में काली मिर्च के उगने योग्य वातावरण था, जिससे बीज यहां खिल उठे।
4000 साल पुराना है काली मिर्च का इतिहास
आज हर घर की किचन में शामिल होने वाली काली मिर्च का इतिहास 4 हज़ार साल पुराना है। इसका जिक्र प्राचीन तमिल साहित्य और ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में लिखी पुस्तकों में भी है। पुस्तकों में कई ऐसे व्यंजन शामिल हैं जिनमें काली मिर्च का इस्तेमाल किया गया है।
काली मिर्च नहीं काला सोना था ये मसाला
15वीं शताब्दी में पुर्तगाल के राजा ने खोजी वास्को डि गामा को भारत का समुंद्री मार्ग और मसालों की खोज के लिए भारत का रास्ता दिखाया था। यहां आकर वास्को डी गामा को जब इस कीमती मसाले का अंदाजा हुआ तो वो इसे अपने साथ वापस पुर्तगाल ले गए। भारत से बाहर जाते ही इस मसाले की होड़ मच गई। जैसे-जैसे बाकी देशों को इसका महत्व पता चला तो लोग व्यापार करने और इसके बीज लेने भारत आने लगे। कुछ अंग्रेज इन मसालों के व्यापार के मोह से ही भारत पहुंचे थे। व्यापार की आड़ में ही भारत को बाद में अंग्रेजो की गुलामी का शिकार होना पड़ा था। मध्यकाल में इस मसाले के बदले कई कीमती चीज़ें भी ली गई हैं। काली मिर्च को धन के रूप में इस्तेमाल करना बेहद आम था।
ऐसे बनती है काली मिर्च
काली मिर्च के दाने ऊंचे पेड़ों की पत्तियों के साथ गुच्छे में उगते हैं। दाने बड़े होते ही इन्हें ऊंचाई से तोड़कर पैरों या मशीनों की मदद से कुचल कर अलग- अलग किया जाता है। इन दानों को कई दिनों तक कड़ी धूप में सुखाया जाता है जिससे ये स्वादिष्ट काली मिर्च बन जाती है।
दुनिया की सबसे बेहतरीन काली मिर्च का क्षेत्र है भारत का मलाबार तट
दक्षिण भारत का मलाबार तट वही है जहां दुनिया की सबसे बेहतरीन काली मिर्च उगती है। मलाबार के अलावा केरल, त्रावणकोर, कोचीन, मैसूर, कुर्ग, महाराष्ट्र और असम के सिलवट पहाड़ों में भी काली मिर्च की खेती की जाती है। इस मसाले की भारी खपत देखते हुए कई देशों ने इसकी खेती करना शुरु कर दिया है।
एक काली मिर्च के हैं कई सारे उपयोग
छोटे दानों की तरह नज़र आने वाली काली मिर्च अपने अंदर कई सारे गुण रखती है। ये दाने किचन के कई व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा काली मिर्च कई बीमारियों से लड़ने में भी काफी असरदार है। इससे इम्यूनिटी सिस्टम तंदरुस्त होता है और कई इन्फेक्शन भी ठीक होते हैं। काली मिर्च का इस्तेमाल एयर फ्रेशनर के रूप में भी किया जाता है। ये दाने आस-पास के वातावरण की गंदी हवा को नष्ठ करने में भी अपना योगदान देते हैं।