May 20, 2024 : 6:07 AM
Breaking News
अन्तर्राष्ट्रीय

संक्रमण से बचने गांवों की ओर लौट रहे लोग; युवा बोले- आर्थिक संकट, हिंसा और नशे से छुटकारा चाहते हैं

  • कोरोना की वजह से शहर छोड़कर जाने वालों की संख्या बढ़ी, सूने पड़े गांवों में बढ़ रही रौनक
  • संस्कृति मंत्रालय कर रहा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन, उद्योग और सुविधाएं बढ़ाने पर विचार

दैनिक भास्कर

May 09, 2020, 06:13 AM IST

रोम. कोरोना संकट के बीच दूसरे राज्यों और देशों में फंसे लोगों के अपने घर और देश लौटने का सिलसिला जारी है। कभी कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित रहे इटली में भी लोग अब गांवों की तरफ लौट रहे हैं। उनका कहना है कि इससे भविष्य में किसी भी महामारी या संक्रमण से निपटने में मदद मिलेगी। 

इनमें एक बड़ा तबका युवाओं का भी है। ज्यादातर युवाओं का कहना है कि वे शहरों में भाग-दौड़ भरी जिंदगी, हिंसा-आतंकवाद और नशे जैसी चीजों से छुटकारा चाहते हैं। दूसरा, अब गांवों में भी शहरों जैसी ज्यादातर सुविधाएं मौजूद हैं और इंटरनेट की वजह से ऑफिस के कई काम आसान हो गए हैं। ऐसे में उन पर शहरों में पड़ने वाला आर्थिक दबाव भी कम होगा।

ग्रामीण इलाकों में पर्यटन बढ़ाने पर विचार

इटली का संस्कृति मंत्रालय भी ग्रामीण इलाकों में पर्यटन, उद्योग और सुविधाएं बढ़ाने पर विचार कर रहा है। गांवों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ने से सामाजिक-आर्थिक संगठन सरकार से ऐसी नीतियां बनाने की मांग कर रहे हैं, जिससे सूने हो चुके गांवों को आबाद किया जा सके। 

यह साहसिक और व्यावहारिक फैसले का वक्त

मिलान में कई इकोफ्रेंडली इमारतें बना चुके मशहूर आर्किटेक्ट स्टीफानो बोइरी कहते हैं, “यह साहसिक और व्यावहारिक फैसले लेने का वक्त हैं। अब शहरों को संक्रमण बम बनने से रोकना जरूरी है।” वहीं समाजशास्त्री, मानव विज्ञानी कहते हैं कि महामारी ने लोगों के जीने का तरीका बदल दिया है। उन्हें पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में खाली पड़े गांवों में बसने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

5800 से ज्यादा गांवों में 5 हजार से भी कम आबादी
आर्किटेक्ट स्टीफानो बाइरी के मुताबिक, इटली में कम से कम 5800 गांव ऐसे हैं, जिनकी आबादी 5 हजार से भी कम है। इनके अलावा करीब 2300 गांव ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह त्याग दिया गया है, यानी वहां कोई भी नहीं रहता। ऐसे में इन गांवों को गोद लेकर आबादी बसाई जा सकती है। यहां वर्क फ्रॉम होम, इंटरनेट सुविधाएं, टैक्स में छूट, परिवहन में सुधार से शहरों का बोझ भी कम होगा।

Related posts

कुवैत की जनसंख्या 48 लाख, इनमें 10 लाख भारतीय हैं; सरकार कानून बनाकर 40 फीसदी प्रवासियों को बाहर करना चाह रही

News Blast

Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेश में ग्यारहवां दिन

News Blast

हिंदुओं पर हमलों के बाद अब बांग्लादेश सरकार बनाने जा रही यह क़ानून

News Blast

टिप्पणी दें