April 25, 2024 : 6:13 AM
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हिंदुओं पर हमलों के बाद अब बांग्लादेश सरकार बनाने जा रही यह क़ानून

बांग्लादेश के क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने कहा है कि किसी भी मामले में गवाही देने वाले गवाहों की सुरक्षा और उनकी गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सरकार बहुत जल्द एक नया क़ानून बनाने जा रही है.

क़ानून मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं की सुनवाई के परिप्रेक्ष्य में सरकार यह क़ानूनी पहल करने जा रही है.

बांग्लादेश में वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं के अनेक मामलों में गवाहों के अभाव में सुनवाई पूरी नहीं हो पाती.

इसलिए वे लंबे समय से गवाह संरक्षण क़ानून बनाने की मांग कर रहे हैं.

दुर्गा पूजा के समय कई पूजा मंडपों पर हमला हुआ था. नोआखाली ज़िले के बेगमगंज की तस्वीर
इमेज कैप्शन,दुर्गा पूजा के समय कई पूजा मंडपों पर हमला हुआ था. नोआखाली ज़िले के बेगमगंज की तस्वीर

शीघ्र क़ानून लाने की प्रतिबद्धता

बांग्लादेश के क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने बीबीसी से कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमलों के मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया प्राय: लंबी होती है और कभी-कभी इन पर कोई फ़ैसला भी नहीं हो पाता, इसका एक प्रमुख कारण गवाहों का अभाव है.

इसलिए सरकार गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नया क़ानून बनाने जा रही है.

क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने कहा कि ऐसा क़ानून बनाने के लिए पहले ही क़दम उठाए जा चुके हैं.

लेकिन 13 अक्टूबर को कुमिल्ला के पूजा मंडप में क़ुरान मिलने की घटना के बाद बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा और हमलों के मद्देनजर ऐसे मामलों की सुनवाई का मुद्दा फिर से उभर कर सामने आया है.

क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने कहा, ”जब ऐसे हमले होते हैं, तब होता यह है कि गवाह निडर होकर गवाही देने से हिचकिचाते हैं. इसीलिए हमने गवाह संरक्षण क़ानून बनाने के लिए पहले ही क़दम उठाये थे. अब यह क़ानून बनाकर हम इसे बहुत जल्दी ही लागू करेंगे.”

“इसमें गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था होगी. और अगर कोई गवाहों से किसी तरह का दुर्व्यवहार करता है, तो इसे भी अपराध माना जायेगा और ऐसा करने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई का प्रावधान होगा.”

क़ानून मंत्री ने कहा, “एक और बात – क़ानून में गवाहों की गोपनीयता बनाये रखने की भी व्यवस्था की जायेगी.”

बांग्लादेश में सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 में गृह मंत्रालय और क़ानून मंत्रालय को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये पहल करने का निर्देश दिया था.

उस समय मुख्यत: आपराधिक मामलों के त्वरित निपटान और निश्चित तारीख़ पर गवाहों की उपस्थिति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क़ानून बनाने का निर्देश दिया गया था.

इसके बाद सरकार ने उन सब विषयों पर काम करना शुरू किया था.

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