- चीन का आरोप है कि सोमवार को भारतीय सैनिकों ने उसकी सीमा पार की, चीनी सैनिकों पर हमला किया
- दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों आर्मी चीफ की मीटिंग
दैनिक भास्कर
Jun 16, 2020, 03:25 PM IST
नई दिल्ली. सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें भारत के कर्नल रैंक के एक कमांडिंग ऑफिसर और दो जवान शहीद हो गए। भारत की जवाबी कार्रवाई में भी चीन के 3 से 5 सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
ताजा तनाव के बाद चीन ने खुद पहल की और मंगलवार सुबह 7:30 बजे से ही मीटिंग की मांग की। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के मेजर जनरल के बीच मीटिंग शुरू हुई, जो अब तक जारी है। चीन ने खुद मीटिंग तो बुलाई, लेकिन धमकाने का अपना सुर नहीं छोड़ा। सुबह मीटिंग शुरू होने के 6 घंटे बाद यानी दोपहर करीब डेढ़ बजे चीन ने भारत के बारे में बयान जारी किया।
चीन ने कहा- भारत अब एकतरफा कार्रवाई न करे
चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को अपने विदेश मंत्री वांग यी के हवाले से कहा- भारतीय सैनिकों ने सोमवार को गालवन घाटी में दो बार घुसपैठ की। चीनी सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद गंभीर हिंसक झड़प हुई। हमने भारत से अपना विरोध दर्ज कराया है। भारत अब कोई एकतरफा कार्रवाई न करे जिससे कि बॉर्डर पर हालात और बिगड़ जाएं। दोनों देशों को बातचीत से मसला हल करना चाहिए।
दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग
चीन से बढ़ रहे तनाव और सोमवार को गालवन घाटी में हुई घटना के बाद मंगलवार सुबह भारत में रक्षा मंत्रालय तेजी से सक्रिय हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के चीफ और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच मीटिंग हुई।
चीन से जुड़े विवाद पर आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं…
3. बातचीत के बाद भी नहीं मान रहा चीन: पिछले महीने 3 बार सैनिक आमने-सामने हुए; इस महीने 4 मीटिंग के बाद तनाव कम हुआ था, बातचीत चल ही रही थी लेकिन हिंसक झड़प हो गई
4. गालवन की कहानी: 1962 की जंग में गालवन घाटी में गोरखा सैनिकों की पोस्ट को चीनी सेना ने 4 महीने तक घेरे रखा था, 33 भारतीय मारे गए थे